एस• के• मित्तल
सफीदों, सरपंच एसोसिएशन द्वारा आगामी 30 मई को जींद के हुडा ग्राऊंड में आयोजित की जा रही प्रदेश स्तरीय गांव बचाओ-देहात बचाओं रैली का सफीदों क्षेत्र में निमंत्रण देने के लिए एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर समैन बुधवार को नगर के बीडीपीओ कार्यालय पहुंचे। इस मौके पर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुधीर जुलाना व सफीदों अध्यक्ष निरवैर सिंह ने उनका जोरदार अभिनंदन किया। इस मौके पर सरंपचों ने ई-टेंडरिंग व राइट-टू रिकॉल कानून के खिलाफ नारेबाजी भी की।
सफीदों, सरपंच एसोसिएशन द्वारा आगामी 30 मई को जींद के हुडा ग्राऊंड में आयोजित की जा रही प्रदेश स्तरीय गांव बचाओ-देहात बचाओं रैली का सफीदों क्षेत्र में निमंत्रण देने के लिए एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर समैन बुधवार को नगर के बीडीपीओ कार्यालय पहुंचे। इस मौके पर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुधीर जुलाना व सफीदों अध्यक्ष निरवैर सिंह ने उनका जोरदार अभिनंदन किया। इस मौके पर सरंपचों ने ई-टेंडरिंग व राइट-टू रिकॉल कानून के खिलाफ नारेबाजी भी की।
अपने संबोधन में प्रदेशाध्यक्ष रणबीर समैन ने कहा कि इस रैली में प्रदेशभर के सरपंच, जनप्रतिनिधि व ग्रामीण तबके के लोग इक्कठा होकर हरियाणा सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। वे पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत्त है लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की है। दरअसल सरकार पंचायती राज संस्थाओं को खत्म करने पर तुली हुई है। पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार ग्राम सभाओं को अनेक प्रकार के अधिकार प्राप्त थे लेकिन इस तानाशाही सरकार ने ई-टेंडरिंग व राइट-टू रिकॉल कानून लाकर पंचायती राज को कमजोर व खत्म करने का कार्य किया है। आज यह लड़ाई केवल सरपंचों व जनप्रतिनिधियों की नहीं है बल्कि समस्त गांव और देहात की है।
अगर सरकार ने अपने तानाशाही कानून वापिस नहीं लिए तो ग्रामीण भाजपा सरकार को हरियाणा पार नहीं बल्कि भारत पार का रास्ता दिखा देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी दो मुख्य मांगें है राइट-टू-रिकॉल कानून निरस्त किया जाए या विधायक-सांसदों पर भी यह लागू हो और ई-टेंडरिंग भी खत्म की जाए। उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि 30 मई को जींद में होने वाली रैली ऐतिहासिक होगी, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के लोग हिस्सा लेकर आगामी रणनीति तय करेंगे।