एस• के• मित्तल
जीन्द, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पोक्सो एक्ट अपराधो से पीडित महिलाओ के प्रति सदैव सजग है और अपराध घटित होने के तुरंत बाद से ही सम्पूर्ण सक्रियता से ऐसी पीडितो को प्रत्येक सम्भव सहायता प्रदान करने के लिए हर समय तत्पर है।
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पीडित बच्चो को काऊंसलिंग, मुफ्त अधिवक्ता की सहुलियत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुफ्त कानूनी सलाह से लेकर दोषी को सजा दिलवाने और पीडि़तों के पुर्नवास तक प्राधिकरण उनकी सम्पूर्ण सहायता करता है। अपराध घटित होने के तुरंत बाद शोषित व्यक्ति की ऐसी कई चिकित्सीय, भरण-पोषण एवं शिक्षण सम्बन्धी जरूरतों के लिए तत्कालीन आर्थिक सहायता की जरूरत होती है जिसके अभाव में पीडित व्यक्ति स्वयं को बहुत असहाय महसूस करता है। पीडितो की इस प्रकार की तत्कालीन आवश्यकताओं के मध्यनजर हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शोषितों को अन्तरिम राहत देने का प्रावधान है, जिससे कि पीडित व्यक्ति स्वयं को आर्थिक रूप से असहाय ना महसूस कर सके। प्राधिकरण सचिव में बताया कि अधिकतम ऐसे मामलों में न्यायालयों द्वारा केस का फैसला सुनाते समय पीडि़त को एकमुश्त मुआवजा प्रदान किया जाता है जिसका भुगतान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।
प्राधिकरण सचिव ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अब तक पोक्सो एक्ट में 63 मामलों में एक करोड 94 लाख 80 हजार रुपये मुआवजे के रूप में वितरित किए गए है। इसलिए यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के अपराधों से पीडि़त है तो उसे तुरंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में सम्पर्क करें ताकि इस प्रकार की सहायता दी जा सके।