कलश यात्रा में स्वामी मुक्तानंद महाराज भिक्षु: का मिला सानिध्य
एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर की गीता कालोनी स्थित नवनिर्मित श्री गीता मन्दिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का कलश यात्रा से आगाज हुआ। इस कलश यात्रा में सैंकड़ों महिलाएं पीले वस्त्र धारण करके इस यात्रा में शामिल हुई।
कलश यात्रा में स्वामी मुक्तानंद महाराज भिक्षु: का सानिध्य प्राप्त हुआ। कलश यात्रा से पूर्व देव पूजा की गई। यह कलश यात्रा नगर के गीता मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के विभिन्न स्थानों से होते हुए मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई। यात्रा में शामिल लोगों ने हाथों में ध्वज धारण करके व गगनभेदी नारे लगाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। बैंड-बाजे की धून में श्रद्धालु जमकर झूमे। कलश यात्रा के उपरांत मंदिर प्रांगण में स्वामी मुक्तानंद महाराज भिक्षु: ने ध्वजारोहण किया। अपने संबोधन में स्वामी मुक्तानंद महाराज भिक्षु: ने कहा कि परमार्थ से ही जीवन में खुशी तथा त्याग-तपस्या से आत्मा को शक्ति मिलती है। प्रभु दानी नहीं महादानी हैं। वे बिना मांगे ही सब कुछ दे देते हैं।
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अपने जीवन में जो कुछ भी चाहते हो, उसे प्रभु से मांगने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। प्रभु से जो कुछ भी कृपा के रूप में मिलता है, उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक आत्मबोध नहीं होगा, जीव कभी भी जीवन के किसी भी मोड़ पर धोखा खा सकता है। जीवन में आत्मबोध का होना नितांत आवश्यक है। यदि हमारा चरित्र पवित्र है और जीवन सत्य के मार्ग पर चल रहा है तो प्रभु पग-पग पर आपके साथ खड़े हैं। मंदिर समिति के प्रतिनिधि विपिन गुप्ता ने बताया कि स्वामी मुक्तानंद महाराज भिक्षु: के पावन सानिध्य में भव्य मंदिर के निर्माण किया गया है और इस मंदिर में दिव्य देवों की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 4 मई से 6 मई तक प्रतिदिन जलाधि, अन्नाधि, रसाधि, पुष्पाधि, फलाधिवास एवं हवन-यज्ञ आदि अनुष्ठान आयोजित होंगे। 7 मई को महास्नान के उपरांत सांय 3 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी। 8 मई को सुबह 11 बजे दिव्य देवों की प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत पुर्णाहुति होगी। दोपहर 12 बजे अनावरण, आरती व भोग का कार्यक्रम होगा। इसी दिन दोपहर साड़े 12 बजे भंडारा प्रसाद वितरण होगा।