भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड एवं चुनाव समिति की सदस्या और पूर्व सांसद डा. सुधा यादव ने कांग्रेस के पतन का मुख्य कारण प्रशिक्षण की कमी व परिवारवाद बताया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा परिवार वाद से दूर है। उन्होंने इस बारे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू व स्वयं का उदाहरण दिया और कहा कि किसी भी संगठन के कार्यकर्ताओं के व्यक्तित्व विकास के लिए प्रशिक्षण वर्ग बहुत जरूरी होता है।
पूर्व सांसद डा. सुधा यादव रविवार को जींद में शुरू हुए ओबीसी मोर्चा के प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि कोई इंसान अपने आप में पूर्ण नहीं है परंतु इन प्रशिक्षण वर्गों के माध्यम से एक दूसरे को समझने का मौका मिलता है और ज्ञान का आदान प्रदान कर कार्यकर्ता पूर्णता को प्राप्त करता है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वाहन किया कि सभी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से बताई पंच निष्ठाओं, बड़े उद्देश्य के लिए बड़ा पुरुषार्थ, भ्रष्टाचार व भाई भतीजावाद को खत्म करने में योगदान करना, गुलामी की मानसिकता से निकलना, विरासत पर गर्व, विकासशील से विकसित भारत बनाने की कल्पना और एक नागरिक के कर्तव्य का निर्वहन करना, इन सब पर कार्यकर्ता काम करें।
इससे पहले मुख्य नेताओं ने दीप प्रज्वलित किया व श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, भारत माता के चित्रों पर पुष्पांजलि की। ओबीसी मोर्चा द्वारा डा. सुधा यादव का केंद्रीय संसदीय बोर्ड व चुनाव समिति में मनोनयन पर जोरदार स्वागत किया। प्रशिक्षण वर्ग में ओबीसी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज, यमुनानगर के मेयर मदन चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष राजू मोर, जींद के भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिड्ढा सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।