फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ेगी
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले I.N.D.I.A. से एक और पार्टी दूरी बना रही है। जम्मू-कश्मीर की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार (15 फरवरी) को कहा है कि पार्टी अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। इससे पहले दिल्ली-पंजाब में AAP और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं।
श्रीनगर से मौजूदा सांसद फारूक के मुताबिक राज्य में विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ हो सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि पिछली बार के किसान आंदोलन में करीब 750 किसानों की जान गई थीं। इसके बाद यूपी के चुनाव से पहले केंद्र ने तीनों किसान बिल वापस ले लिए थे।
जम्मू-कश्मीर में अब 5 लोकसभा सीटें
2019 में आर्टिकल 370 हटाने के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। बंटवारे से पहले जम्मू-कश्मीर में 6 लोकसभा सीटें थीं। बंटवारे के बाद जम्मू कश्मीर में 5 लोकसभा सीटें हो गई है और लद्दाख में 2 सीटें हैं।
दिल्ली-पंजाब में AAP का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने 11 फरवरी को सोशल मीडिया मीडिया प्लेटफार्म X पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वे कह रहे थे कि दिल्ली के लोगों ने 7 की 7 सीटें AAP को देने की ठान ली है।
सूत्रों की माने तो दिल्ली के लिए I.N.D.I.A का हिस्सा कांग्रेस और AAP सीट-बंटवारे के लिए 4:3 फॉर्मूले पर चर्चा कर रही थी। इसमें कांग्रेस 4 और AAP के तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की अटकलें थीं। 2019 में BJP ने सातों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
केजरीवाल ने पंजाब और चंडीगढ़ में भी कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग से इनकार कर दिया था। पंजाब के लुधियाना में केजरीवाल ने कहा था- पंजाब में AAP अकेले चुनाव लड़ेगी। 2 महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं। पंजाब में 13 सीटें हैं और एक चंडीगढ़ की है। आने वाले 14-15 दिनों में इन 14 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर देंगे।
बंगाल में ममता भी अकेले लड़ेंगी चुनाव
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ममता भी खुद को I.N.D.I.A का हिस्सा बताती रही हैं। हालांकि, उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने के अपने फैसले के लिए कांग्रेस के साथ सीट-शेयरिंग को लेकर बातचीत फेल होने का हवाला दिया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने रास्ते पहले ही अलग कर चुके हैं। वे I.N.D.I.A के सूत्रधार थे। उन्होंने ही सभी विपक्षी पार्टियों को BJP के खिलाफ एकजुट किया था। हालांकि, वे खुद 28 जनवरी को NDA में शामिल हो गए और BJP के साथ मिलकर सरकार बना ली।
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उद्धव ठाकरे ने 5 फरवरी को कहा कि, ‘मैं मोदीजी को बताना चाहता हूं कि हम कभी भी आपके दुश्मन नहीं थे। आज भी हम दुश्मन नहीं हैं। हम आपके साथ थे। हमने पिछली बार आपके लिए प्रचार किया था।’
नीतीश कुमार के BJP के साथ मिलने के बाद उद्धव के सुर भी बदले नजर आ रहे हैं। पिछले 10 दिनों में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को 4 बड़े झटके लगे थे, पांचवां झटका उद्धव ठाकरे ने मोदी की तारीफ करके दे दिया है।
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