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एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों उपमंडल के गांव जयपुर की 12 वर्षीय बालिका बने गुड़गांव में आयोजित निशक्त बच्चों कि राज्य स्तरीय जूडो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता है। अंशिका करनाल के माता प्रकाशकौर स्कूल की चौथी कक्षा की छात्रा है। इस गांव के विनोद की बेटी अंशिका मूक व बधिर है जो केवल इशारों के सहारे ही अपने विचारों व व्यवहार का आदान-प्रदान करती रही जो अब लिखना-पढ़ना सीख गई है। उसके कोच इस स्कूल के विजय कुमार ने आज बताया कि गुड़गांव के श्रवण एवं वाणी निशक्त जनकल्याण केंद्र परिसर में इस प्रतियोगिता का आयोजन हरियाणा डेफ जूडो एसोसिएशन द्वारा किया गया जिसमें गोल्ड मेडल कैथल की आस्था को मिला जबकि अंशिका ने सिल्वर जीता।
सफीदों, सफीदों उपमंडल के गांव जयपुर की 12 वर्षीय बालिका बने गुड़गांव में आयोजित निशक्त बच्चों कि राज्य स्तरीय जूडो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता है। अंशिका करनाल के माता प्रकाशकौर स्कूल की चौथी कक्षा की छात्रा है। इस गांव के विनोद की बेटी अंशिका मूक व बधिर है जो केवल इशारों के सहारे ही अपने विचारों व व्यवहार का आदान-प्रदान करती रही जो अब लिखना-पढ़ना सीख गई है। उसके कोच इस स्कूल के विजय कुमार ने आज बताया कि गुड़गांव के श्रवण एवं वाणी निशक्त जनकल्याण केंद्र परिसर में इस प्रतियोगिता का आयोजन हरियाणा डेफ जूडो एसोसिएशन द्वारा किया गया जिसमें गोल्ड मेडल कैथल की आस्था को मिला जबकि अंशिका ने सिल्वर जीता।
विजय कुमार ने बताया कि अंशिका का चयन निशक्त बच्चों की राष्ट्रीय स्तर की जूडो प्रतियोगिता के लिए हो गया है। उन्होंने बताया कि अंशिका अब तक निशक्त बच्चों की प्रतियोगिताओं में पांच मैडल जीत चुकी है। अक्तूबर 2022 में उसने 600 मीटर दौड़ में राज्य स्तरीय ब्रॉन्ज मैडल व फरवरी 2023 में सिल्वर मैडल जीता। मार्च 2023 में राष्ट्रीय स्तर की जूडो कराटे प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मैडल झटक लिया। इरी तरह उसने सितंबर 2023 में राज्य स्तरीय जूडो में गोल्ड लिया और अब नवम्बर 2023 में राज्य स्तरीय जूडो में सिल्वर जीत लिया। मैडल के साथ अपने घर आई अंशिका को परिजनों व अन्य ग्रामीणों का भरपूर स्नेह मिला।
उसके पिता विनोद ने बताया कि पहले केवल इशारों से वह काम चलाती थी अब तो अंशिका अपने मन की बात कागज पर उतार देती है और लिखा हुआ पढ़ भी लेती है।
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