गांव समसपुर के खेतों में एसटीपी का पानी जमा होने से किसानों को खासी परेशानियों के साथ-साथ नुकसान उठाना पड़ता है। जिससे उनमें रोष बना हुआ है। एसटीपी के पानी की समस्या व दूसरे मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को पंचायत का आयोजन किया। पंचायत के बाद ग्रामीणों ने लघु सचिवालय पहुंचकर जिला उपायुक्त श्यामलाल पूनिया को ज्ञापन सौंपकर समस्या के समाधान की मांग की है।
गांव समसपुर में स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के कारण आसपास के खेतों में दूषित जलभराव जमा हो जाता है। लगातार जलभराव रहने के कारण फसलें बर्बाद हो जाती हंै व किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। मानसून सीजन के दौरान तो यहां सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो जाती है।
समस्या को लेकर ग्रामीण पूर्व में भी कई बार ज्ञापन, आंदोलन का रास्ता अपना चुके हैं। इसी के चलते ग्रामीणों ने निवर्तमान सरपंच कृष्ण कुमार व पंच रमेश कुमार की अगुवाई में गांव में एकत्रित होकर पंचायत का आयोजन किया। जिसमें गांव के दूसरे मुद्दों के साथ एसटीपी से खेतों में आने वाले दूषित पानी की समस्या पर प्रमुखता से विचार-विमर्श कर जिला उपायुक्त को समस्या से अवगत करवाने का निर्णय लिया गया।
जिसके तहत ग्रामीण रमेश, कृष्ण, भूपेंद्र, हंसराज, रमेश, कुलबीर, प्रवीन, लीलाराम, बिजेंद्र, बलजीत, संजय, ढिल्लू, रामफल आदि ने लघु सचिवालय पहुंचकर जिला उपायुक्त श्यामलाल पूनिया को ज्ञापन के माध्यम से समस्या से अवगत करवाया। साथ ही ग्रामीणों ने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि 15 दिन में उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे फिर से पंचायत का आयोजन कर बड़े आंदोलन की रुपरेखा तैयार करेंगे।
जलभराव को देखते हुए लिया गया फैसला
ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए फसलें के तहत बीते तीन सालों के दौरान धान नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा कि धान के खेतों में जलभराव से होने वाली परेशानियों व नुकसान को देखते हुए ग्रामीणों ने बुधवार को हुई पंचायत में इस सीजन भी धान नहीं लगाने पर सहमति जताई है।