3 घंटे पहले
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नवरात्रि से रामनवमी तक रामलला विशेष वस्त्र पहनेंगे। सभी वस्त्रों को हाथों से तैयार किए जा रहा है। वस्त्रों के लिए खादी कॉटन का इस्तेमाल हो रहा है। खादी के लिए सूत भी हाथ से ही काता गया है।
इतना ही नहीं वस्त्रों पर असली सोने-चांदी से छपाई की गई है। छपाई में इस्तेमाल किए गए चिन्ह वैष्णव पद्धति के हैं। ये सारी जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ने अपने एक्स अकाउंट पर साझा की हैं।
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