एस• के• मित्तल
सफीदों, रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस गांव छाप्पर व सिंघाना में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर बतौर अतिथि श्री गुरु रविदास आश्रम के संचालक धनपत दास महाराज ने शिरकत की। इसके अलावा गांव सिंघाना में महर्षि वाल्मीकि मूर्ति स्थापना की गई।
इस मौके पर श्रद्धालुओं ने महर्षि वाल्मीकि प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित व ज्योत प्रज्ज्वलित करके उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। इस मौके पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। अपने संबोधन में संत धनपत दास महाराज ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना करके समाज को बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया था। ऐसे में आज हमें महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों और सिद्धांतों को आत्मसात करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें सत्य, प्रेम, भ्रातृत्व मित्रत्व एवं सेवक के धर्म की परिभाषा सिखाई गई है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इस मौके पर रतन सिंह मान, सुखबीर सिंह व नरेश सिंघाना मौजूद थे।