एस• के• मित्तल
सफीदों, पूसा बासमती 1847 व पूसा बासमती 1692 का भाव कम मिलने से खफा सफीदों के किसनों के साथ आज व्यापारियों व मार्किट कमेटी स्टाफ की बैठक एसडीएम मनीष कुमार फौगाट ने कराई। इसमें लिए गए निर्णय के बाद एसडीएम के निर्देश पर मार्किट कमेटी के सचिव अनिल दीक्षित ने धान की नीलामी का समय 10 बजे से 1 बजे तक निर्धारित किया और साथ ही स्पष्ट किया कि जो खरीदार नियमित नीलामी में शामिल नहीं होगा उसे नीलामी कार्यक्रम के बाद सांयकाल में उचन्ति धान खरीदने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सफीदों, पूसा बासमती 1847 व पूसा बासमती 1692 का भाव कम मिलने से खफा सफीदों के किसनों के साथ आज व्यापारियों व मार्किट कमेटी स्टाफ की बैठक एसडीएम मनीष कुमार फौगाट ने कराई। इसमें लिए गए निर्णय के बाद एसडीएम के निर्देश पर मार्किट कमेटी के सचिव अनिल दीक्षित ने धान की नीलामी का समय 10 बजे से 1 बजे तक निर्धारित किया और साथ ही स्पष्ट किया कि जो खरीदार नियमित नीलामी में शामिल नहीं होगा उसे नीलामी कार्यक्रम के बाद सांयकाल में उचन्ति धान खरीदने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
इस मौके पर सफीदों राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुभाष जैन, कच्चा आढ़ती संघ के प्रधान कृष्ण गोपाल मित्तल, अजीतपाल सिंह चट्ठा, डिडवाड़ा के सरपंच राजन, किसान नेता गगनदीप सिंह व मलिकपुर के सरपंच अमृतपाल सिंह प्रमुख रूप से थे। सुभाष जैन ने कहा कि कुछ किसान भाइयों को यह गलतफहमी है कि उन्हें पूसा 1692 व पूसा 1847 किस्म की धान का भाव पूसा 1509 के मुकाबले कम मिल रहा है। जैन ने बताया कि पूसा 1692 व पूसा 1847 किश्मों के धान के चावल की मांग बाजार में कम है इसलिए इसका भाव कुछ कम है।
उन्होंने कहा कि वह दावा करते हैं कि हरियाणा की किसी भी मंडी में धान की इन किश्मों के लिए दिए जा रहे भाव से ज्यादा भाव सफीदों में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज अनाज मंडी में करीब 20 प्रतिशत धान गीली या हरी है जिसका कोई खरीदार नहीं है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि अपनी धान को पूरी पकने पर ही काटें और सुखाकर मंडी में लाएं ताकि उन्हें कोई दिक्कत ना हो और तत्काल प्रभाव से वह बिक जाए और उसका उठान हो जाए।
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