दूसरे दिन गोहाना के एक्सईएन नवीन सहरावत ने की पालिका विकास कार्यों की जांच गलियों व निकासी नाले-नालियों को मौके पर पहुंचकर जांचा 35 करोड़ रुपए के पालिका घोटाले की 17 एक्सईनों द्वारा की जा रही है जांच

एस• के• मित्तल   
सफीदों,    सफीदों पालिका के कथित 35 करोड़ रुपए के घोटाले की प्रदेश के निकाय विभाग के 17 एक्सईनों द्वारा शुरू की गई जांच के सिलसिले में दूसरे दिन गोहाना के एक्सईएन नवीन सहरावत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और नगर के अनेक स्थानों पर विकास कार्यों को जांचा। इस मौके पर उनके साथ सफीदों पालिका कार्यालय का भी अमला साथ रहा। एक्सईएन नवीन सहरावत ने वार्डों में गलियों व नाले-नालियों की जांच की। एक्सईएन ने खानसर चौंक के आसपास बने बड़े निकासी नाले के कार्य को भी जांचा।
उन्होंने इस बात पर विशेष फोकस रखा कि कहीं विकास कार्य ना हुआ हो और उसे कागजों में चढ़ा दिया गया हो। गौरतलब है कि सफीदों पालिका के 35 करोड़ों रुपए के कथित विकास घोटाले की जांच का जिम्मा प्रदेश के 17 एक्सईएन को सौंपा गया है। इन अधिकारियों ने आदेश के मुताबिक यहां करीब 260 विकास कार्यों की जांच का कार्य शुरू कर दिया है। इन अधिकारियों ने 260 विकास कार्यों की जांच में अपना-अपना कार्य बांट लिया है और वे नगर के अनेक हिस्सों में जाकर अलग-अलग से जांच कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस जांच को जल्द पूरा करके निकाय विभाग के हैड आफिस को जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। वैसे यह रिपोर्ट 10 नवंबर तक सौंपी जानी थी लेकिन त्यौहारों की वजह से जांच लंबित हुई। अब जांच शुरू हो चुकी है और संभावना यह है कि इसे 20 नंवबर तक पूरा कर लिया जाएगा। सफीदों में पालिका घोटाले की बात यहां के बच्चे-बच्चे की जुबान पर है और इस घोटाले की जांच के लिए अनेक आंदोलन व शिकायतें भी हुई।
घोटाले की जांच के लिए भाजपा नेता व समाजसेवी रामदास प्रजापत ने अग्रसैन चौंक पर आमरण अनशन करके सम्मिलित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। काफी लंबे चले आंदोलन के बाद उन्हे जांच का आश्वासन देकर धरने से उठाया गया था। वहीं पूर्व पार्षद प्रवीन बंसल व आरटीआई कार्यकर्त्ता प्रदीप गर्ग ने भी आरटीआई से जानकारियां जुटाकर व विकास कार्यों में हुए गोलमाल की वीड़ियों सरकार व जांच एजेंसियों को सौंपी थी। आंदोलनकारियों का आरोप था कि हरियाणा सरकार ने सफीदों को चार चांद लगाने के लिए 35 करोड़ रूपए की बड़ी विकास राशी सफीदों पालिका में भेजी थी, लेकिन उसमें पालिका के ओहदेधारियों, अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकदारों ने मिलीभगत करके भारी गोलमाल किया। सफीदों में जितने भी गलियों, नाले-नालियों के कार्य हुए उमें भारी धांधली हुई और सरकारी रकम की बंदरबांट हुई।

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