एस• के• मित्तल
सफीदों, नवरात्रों के उपलक्ष्य में नगर के अनेक दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचकर मां की अराधना करके सुख-शांति की कामना कर रहे हैं। इसी कड़ी में नगर की पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में मां दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने माथा टेका और मां का आशीर्वाद ग्रहण किया।
सफीदों, नवरात्रों के उपलक्ष्य में नगर के अनेक दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचकर मां की अराधना करके सुख-शांति की कामना कर रहे हैं। इसी कड़ी में नगर की पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में मां दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने माथा टेका और मां का आशीर्वाद ग्रहण किया।
श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने कहा कि नवरात्र पर श्रीदुर्गा शप्तसती, दुर्गा जी के 108 नाम, दुर्गा चालीसा व विंध्यवासिनी चालीसा का पाठ करने से जगत जननी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। नवरात्र के 9 दिनों में संयम का पालन करते हुए व्रत व पूजा-अर्चना करें। सच्चे मन से अराधना करने वालों की मां सभी की मनोकामनाओं को पूरा करती है। उन्हें दुर्गतिनाशिनी भी कहा गया है, वे जीवन की सभी परेशानियां को दूर करती हैं। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 दिव्य स्वरूपों की उपासना की जाती है।
पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। 9 दिन तक पूजा-अर्चना करने के उपरांत कन्या भोजन करवाने की भी परंपरा है। एक से 9 साल तक की कन्याओं को अपनी सुविधा के अनुसार घर पर आमंत्रित करें और उनकी पूजा कर उन्हें भोजन करवाएं। ऐसा करने से माता की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।
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