तीर्थों के पौराणिक महत्व से श्रद्धालुओं को अवगत करवाएंगी कर्मकाण्डी ब्राह्मण परिषद

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एस• के• मित्तल   
सफीदों,      कर्मकाण्डी ब्राह्मण परिषद सफीदों की एक बैठक स्थानीय श्री हंसराज तीर्थ पर नवनिर्मित भवन में हुई। बैठक की अध्यक्षता पंडित सोमदत्त अत्री ने की। बैठक का संचालन संजीव गौत्तम ने किया। बैठक में कर्मकाण्डी ब्राह्मणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि हर महीने शुक्ल पक्ष की एकादशी को सांय 3 से 5 बजे तक परिषद की बैठक हुआ करेगी।
बैठक में निर्णय किया गया कि कर्मकाण्डी ब्राह्मण केवल भगवान का चढ़ावा खाने के अधिकारी नहीं है, अपितु अपने धर्म और तीर्थों के लिए भी कुछ करना चाहिए। इसी कड़ी में सर्वप्रथम सफीदों की पहचान जिसकी वजह से सफीदों का जन्म हुआ विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक श्री नागक्षेत्र तीर्थ एवं सरोवर पर जो आए दिन गंदगी फैलती है, इस गंदगी के विरूद्ध लोगों को जागरूक करने के लिए एक जनजागृति अभियान चलाया जाएगा। मंदिर परिसर के अंदर व बाहर कुछ जागरूकता बैनर लगाए जाएंगे ताकि लोग इस ऐतिहासिक तीर्थ को गंदा ना करके तीर्थ की पवित्रता को बनाए रखें। केवल यहीं नहीं यह तो मात्र शुरूआत होगी आने वाले समय में कर्मकाण्डी ब्राह्मण परिषद संपूर्ण समाज को साथ लेकर क्षेत्र के सभी ऐतिहासिक तीर्थों पर जनजागरण व सफाई अभियान चलाकर लोगों को उनके ऐतिहासिक महत्व से अवगत करवाएंगी।
इसके अलावा तीर्थ स्थानों के आसपास लगने वाली मद्यपान व मांस की दुकानों को पालिका व ग्राम पंचायतों के सहयोग से स्थानांतरित करवाया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया कि समाज से हवन के लिए प्रयोग किए जाने वाले लोहे पीपानुमा या तसलानुमा हवन कुण्डों को हटवाकर वैदिक रीति से तैयार करवाए गए हवन कुण्ड श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाएं जाएंगे। इन सभी निर्णयों का सभी ने एक स्वर में अनुमोदन किया। इस मौके पर संजीव गौत्तम, रामप्रताप, संजय, राममेहर, देवीराम, होशियार सिंह, मधुसूदन, रमेश, दीपक, अमित वत्स, कुलदीप, अमित भार्गव, रमेश आसन, यतिंद्र शास्त्री, सुनील, जयप्रकाश, नरेंद्र, रामफल, प्रिंस, प्रमोद, राकेश व दीनबंधू मौजूद थे।
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