डीएचबीवीएन हिसार की लाजपत नगर स्थित सर्कल ऑफिस की जमीन को लेकर हुए विवाद में सिविल लाइन थाने में डीएसपी गीतिका जाखड़ के पिता सत्यवीर, मां उषा और नायब तहसीलदार भाई बलराम जाखड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। बलराम जाखड़ फतेहाबाद के भट्टू तहसील में तैनात है। यह मुकदमा बिजली निगम के एसडीओ रविंद्र कुमार की शिकायत पर दर्ज हुआ। पुलिस ने तीनों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, कर्मचारियों के साथ मारपीट करने और हुडदंग मचाने की धाराएं जोड़ी है।
एसडीओ रविंद्र कुमार की शिकायत अनुसार 30 सितंबर को सुबह दस बजे डीएचबीवीएन मैन कैंपस की कंडम चार दीवारी की जगह नई चार दीवारी का कार्य करते समय सत्यवीर जाखड़ निवासी लाजपत नगर, पत्नी उषा के साथ कार्य स्थल पर आए और कार्य कर रहे लेबर, मिस्त्री व कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की की।
एक व्यक्ति जिसका नाम बलराम जाखड़ मालूम हुआ जो मुंह पर काला मास्क पहने हुए आया और वीडियो बनाने लग गया और तेज आवाज में कर्मचारियों को धमकाने लग गया। ऊषा और मुंह ढांपे हुए व्यक्ति ने महिला कर्मचारी रंजना,आरजू व अन्य के साथ मापीटर की और उनके बाल खींचते हुए ईंट मारकर उन्हें घायल कर दिया।
सत्यवीर जाखड़ ने वहां काम कर रहे कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की की और जान से मारने की धमकी दी और निर्माणधीन कार्य में रुकावट पैदा की। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया।
डीएसपी की मांग चार दीवारी की नींव पर लेट गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तहसीलदार की रिपोर्ट
वहीं बिजली निगम के विवादित प्लाट की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इस विवादित प्लाट के 51.48 वर्ग गज पर हिसार तहसीलदार ने बिजली निगम द्वारा कब्जा करने की बात कही है। तहसीलदार ने डीसी हिसार को रिपोर्ट भेजते हुए लिखा कि 2 सितंबर 2022 को उषा रानी निवाी लाजपत नगर हिसार द्वारा हल्का पटवारी व कानूनगो सहित खसरा नंबर 1362 की निशानदेही की गई। जिस अनुसार खसरा नंबर 1362 के दक्षिण में 51.48 वर्ग गज पर बिजली विभाग द्वारा दीवार बनाकर नाजायज कब्जा होना पाया गया है। शेष रकबा खसरा नंबर 1362 मौके पर खाली है।
ये था शुक्रवार का घटनाक्रम
बिजली निगम के सर्कल कार्यालय के पास जमीन के कब्जे को लेकर विवाद हो गया। बिजली निगम अपनी जमीन पर कब्जा छुड़ाने को लेकर पुलिस बल के साथ शुक्रवार को मौके पर पहुंचा तो डीएसपी गीतिका जाखड के पिता सत्यवीर और माता ऊषा विरोध पर उतर गई। बिजली निगम ने अपनी जमीन पर जब दीवार बनानी शुरू की तो ऊषा बीच में ही बैठ गई। पुलिस ने उसे बहुत समझाने का प्रयास किया परंतु वह नहीं उठी। इसी बीच निगम कर्मचारियों के साथ डीएसपी के परिवार की झड़प हो गई। बिजली निगम ने परिवार पर ईट बरसाने के आरोप लगाए। इसमें बिजली निगम की कर्मचारी रितु, रंजना और आरजू को चोट लगी। वहीं सत्यवीर जाखड़ ने निगम कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप लगाए। इसके बाद पुलिस ने समझा बुझाकर उसे उठाया। इसके बाद पुलिस की उपस्थिति में दीवार बनाने का काम जारी रखा। निगम अधिकारियों ने डीएसपी गीता जाखड़ के परिवारिक सदस्यों पर जमीन पर कब्जा करने के आरोप लगाए। जबकि सत्यवीर जाखड़ ने उनकी जमीन पर निगम द्वारा कब्जा करने और मारपीट के आरोप लगाए थे।