डा. शंकरानंद सरस्वती प्राकृतिक चिकित्सा सम्मान से हुए सम्मानित

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एस• के• मित्तल 
सफीदों,      अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं महामृत्युंजय प्राकृतिक चिकित्सालय भक्ति योग आश्रम सरनाखेड़ी के अध्यक्ष डा. शंकरानंद सरस्वती को डा. रामनिवास त्यागी प्राकृतिक चिकित्सा सम्मान से नवाजा गया है। उनको यह सम्मान भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा संघ ने अपने 50वें स्थापना दिवस पर वृंदावन (उत्तरप्रदेश) मे आयोजित सम्मेलन में प्रदान किया गया।
उनके इस सम्मान से प्राकृतिक चिकित्सा प्रेमियों में खुशी की लहर है। अपने इस सम्मान के लिए डा. शंकरानंद सरस्वती ने आयोजक संस्था और उसके प्रतिनिधियों का विशेष आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनका यह सम्मान समस्त प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े लोगों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि अनेक प्रकार की अन्य चिकित्सा प्रणालियों से इंसान तंग आ चुका है और फिर से वह अपनी पुरातन जड़ों से जुड़ना चाहता है और वर्तमान दौर में कहीं ना कहीं प्राकृतिक चिकित्सा की महता बढ़ी है। जिस प्रकार से मांग बढ़ी है उसी प्रकार प्राकृतिक चिकित्सालयों के खुलने का सिलसिला भी लगातार जारी है और इस क्षेत्र में हजारों लोग काम करके लोगों को स्वस्थ करने का काम कर रहे है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा, यह एक ऐसी अनूठी प्रणाली है जिसमें जीवन के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक तलों के रचनात्मक सिद्धांतों के साथ व्यक्ति के सद्भाव का निर्माण होता है। इसमें स्वास्थ्य के प्रोत्साहन, रोग निवारक और उपचारात्मक के साथ-साथ फिर से मजबूती प्रदान करने की भी अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया वे अपने आन के प्राकृतिक चिकित्सा से जोड़ें।
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