एस• के• मित्तल
सफीदों, परमहंस श्री योग दरबार कुटिया शांत सरोवर द्वारा महाराजा शूर सैनी धर्मशाला में 29वें वार्षिक सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। सत्संग में संत सुखदेवानंद महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर प्रस्तुत अनेक झांकियों ने सभी का मन मोह लिया।
सफीदों, परमहंस श्री योग दरबार कुटिया शांत सरोवर द्वारा महाराजा शूर सैनी धर्मशाला में 29वें वार्षिक सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। सत्संग में संत सुखदेवानंद महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर प्रस्तुत अनेक झांकियों ने सभी का मन मोह लिया।
अपने संबोधन में संत सुखदेवानंद महाराज ने फरमाया कि मनुष्य को काम, क्रोध, लोभ व मोह का त्यागकर करके सच्चाई और सादगी भरा जीवन जीना चाहिए। राम की महिमा अपरंपार है और राम से बड़ा कोई नाम नहीं है। जीवन का आधार ही राम नाम है। राम सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि सबसे बड़ा मंत्र है। सुमिरन, सत्संग और सेवा जैसे कार्य करने से मनुष्य जन्म सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि जीव जैसा कर्म करेगा, उसे वैसा ही फल प्राप्त होगा। जीवन में कोई भी कर्म करों, उसे सदैव सोच समझकर करना चाहिए।
यदि व्यक्ति 4 कदम चलकर सत्संग में जाता है तथा अंत समय में प्रभू सुमिरन करता है, उसे यमराज की ताकत भी हाथ नहीं लगा सकती। इस मौके पर प्रधान डा. रामचंद्र माटा, कोषाध्यक्ष डा. ताराचंद भाटिया, उपप्रधान डा. राजेंद्र भाटिया, पंकज भाटिया, महेंद्र माटा, राजकुमार, सक्षम भाटिया, हनी माटा, तरुण भाटिया, सुरेंद्र कुमार, सरोज भाटिया मौजूद थीं।
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