हरियाणा के जींद के पिल्लूखेड़ा खंड के गांव ढाठरथ के मनरेगा मजदूरों ने गुरुवार को मांगों को लेकर लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया। मजदूरों ने आरोप लगाया की उन्हें मनरेगा के तहत किए काम की मजदूरी नही मिली हैं। डीसी ने मजदूरों को कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
युवा मजदूर नेता विनोद ने बताया कि वे गांव ढाठरथ के मनरेगा स्कीम में पंजीकृत मजदूर हैं। उन्होंने गांव में मनरेगा के तहत कार्य किया था। यह कार्य 10 दिन चला, जिसमें लगभग औसतन 80 मजदूरों ने तालाब में जल-खुम्भी सफाई का कार्य किया। 15 जून तक मस्ट्रोल के तहत कुल 798 मजदूरी हुई।
जेई पर गलत पैमाइश करने का आरोप
जिसमें जेई प्रवीन के द्वारा एंबी में गलत पैमाइश की गई। जिसमें 340 मजदूरी तथा 10 मजदूरी पानी पिलाने वाले मजदूर की लिखित की गई है। जबकि इस मस्ट्रोल में मजदूरों द्वारा इस तालाब की सफाई लगभग 70 प्रतिशत किया जा चुका था। जिसकी प्रतिदिन की वीडियो व फुटेज हमारे पास उपलब्ध है।
जींद में मांगों को लेकर प्रदर्शन करते मनरेगा मजदूर।
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21 साल बाद तालाब की सफाई
उन्होंने बताया कि जल-खुंभी भी पानी की उपरी सतह पर तैरती रहती हैं। इस तालाब में 21 वर्ष के बाद सफाई का कार्य किया गया। इस कारण तालाब में दलदल बनी हुई है। तालाब की 70 प्रतिशत सफाई कर चुके थे। हवा के बहने से यह जलखुम्भी दोबारा पूरे तालाब में फैल चुकी हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि तालाब सफाई का कार्य हुआ ही नहीं।
दोबारा पैमाइश हो
उन्होंने मांग की कि वीडियो के आधार पर दोबारा पैमाइश करवाई जाए, ताकि मस्ट्रोल में लगी 198 दिन की मजदूरी का मेहनताना हमें मिल सके। मजदूरी न मिलने से गरीब परिवार परेशान हैं।
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