हरियाणा के जींद में आल हरियाणा पावर कॉर्पोरेशन वर्कर यूनियन के आह्वान पर बिजली निगम कर्मियों ने सोमवार को मांगों को लेकर शहर में प्रदर्शन किया। इस दौरान बिजली मंत्री का पुतला दहन भी किया गया।
प्रदर्शन से पहले सर्कल सचिव धर्मबीर भम्भेवा ने कहा कि बिजली कर्मियों की मांगों को लेकर बिजली मंत्री संवेदन हीनता रखे हुए हैं। न तो मांगों को लेकर उन्हें बातचीत का समय दिया जा रहा है और न ही मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाया जा रहा है। कर्मचारी कच्चे कर्मचारी को पक्का करवाने, हरियाणा रोजगार कौशल निगम भंग करने, समान काम समान वेतनमान लागू करवाने, पुरानी पेंशन बहाल करवाने, पावर बिल 2022 को रद्द करवाने सहित अन्य मांगों का समाधान चाहते हैं।

जींद में प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी।
राज्य प्रधान सुरेश राठी ने कहा कि बिजली मंत्री रणजीत चौटाला गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करते हुए संवेदनहीन बने हुई है। मौजूदा समय में केंद्र की राज्य की सरकार तमाम विभागों को निजी कंपनियों के हाथों में बेच रही है। आजादी महोत्सव के बहाने आम जनता को भ्रमित कर तमाम प्रकार के जनता विरोधी बिजली बिल 2022 संसद के शीत कालीन सत्र में पास करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस बिल के विरोध में 23 नवंबर को दिल्ली रामलीला ग्राउंड में एकत्रित होकर संसद तक प्रदर्शन किया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद सभी प्रकार की सब्सिडी खत्म हो जाएगी बिजली मंहगी व आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगी। राज्य प्रधान सुरेश राठी, जिला प्रधान जींद रामफल दलाल ने कहा कि सरकार ने पिछले समय में हर तीन महीने बाद यूनियन से वार्ता करने का वादा किया था, लेकिन सरकार अब यूनियनों से बातचीत भी नहीं करना चाह रही है। उन्होंने मांग की कि बिजली निगम कर्मियों की मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए।