महिला विरुद्ध अपराधों पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए सोच में लाना होगा बदलाव – किरण सिंह एचसीएस सीईओ डीआरडीए जींद
एस• के• मित्तल
जींद, महिलाओं को जागरूक करने व उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर अलग-अलग स्थानों पर जीन्द पुलिस द्वारा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी तरह के एक कार्यक्रम का आयोजन महिला थाना जींद में भी किया गया। एचसीएस किरण सिंह सीईओ डीआरडीए जींद व मंजू कादयान सीएमओ जींद ने कार्यक्रम में मुख्य भुमिका निभाई। इस मोके पर एएसपी श्रीमती पुष्पा खत्री, मैडम अनीता डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी, रजनीश जैन इनरव्हील अंतरराष्ट्रीय महिला क्लब प्रधान, श्रीमती शशि जैन प्रिंसिपल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल जींद, श्रीमती कविता सरपंच गांव खरकराम जी श्रीमती, अंजू सिहाग प्रिंसिपल आधारशिला स्कूल, श्रीमती सुधा शर्मा प्रिंसिपल आर्य स्कूल जींद, श्रीमती सारिका एडीए जींद, श्रीमती सुजाता डीसीपीओ जींद, श्रीमती ममता मेंबर सीडब्ल्यूसी, श्रीमती अमृत कौर सरपंच अशरफगढ़ व महिला थाना प्रभारी गीता देवी मौजूद रही। इस मौके पर एचसीएस किरण सिंह ने जिला की सभी महिलाओं को शुभकानाएं दी। उन्होने कहा कि समस्त समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी ताकि महिलाओं के प्रति कोई भी भेद-भाव है वह समाप्त हो सके और महिलाऐ प्रगति की ओर अगरसर हो सकें, उन्हे शिक्षा व नौकरियो के क्षैत्र में समान अवसर मिले।
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महिला थाना प्रभारी श्रीमती गीता देवी द्वारा कार्यक्रम में आई सभी महिलाओं व छात्राओं को मिठाई खिलाई गई व शुभकामनाएं भी दी। सभी महिला अतिथियों को शॉल व कार्यक्रम में मौजूद सभी महिलाओं को चुनरी देकर सम्मानित किया। वही विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल कर सराहनीय कार्य करने वाले छात्र छात्राओं को भी सील्ड देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर महिलाओं को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की थीम पर डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट्स द्वारा एक नाटक की भी प्रस्तुति दी गई। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर श्रीमती मंजू कादयान सीएमओ जींद ने भी महिलाओं को आगे बढने बारे प्रेरित किया उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि महिला दिवस का आयोजन सिर्फ रस्म अदायगी भर नही रह जाए। वैसे यह शुभ संकेत है कि महिलाओं में अधिकारों के प्रति समझ विकसित हुई है अपनी शक्ति को स्वंय समझकर, जागृति लाने से ही महिला घरेलू अत्याचारों से निजात पा सकती है। कामयाब महिलाएं अपने उत्पीडन से छुटकारा पा सकती हैं तभी महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।
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