हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में सतत विकास,भविष्य,पृथ्वी और मानविकी अवसर व चुनौतियां विषय पर केंद्रित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरूआत हो गई। इंटरनेशनल जियोग्राफिक यूनियन (आईजीयू) के सहयोग व (आईसीएसएसआर) द्वारा प्रायोजित इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आरपी तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में इंटरनेशनल जियोग्राफिक यूनियन के प्रथम अध्यक्ष प्रो. नथाली लेमचंद व इस्ताम्बुल विश्वविद्यालय, तुर्की के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष व इंटरनेशनल जियोग्राफिक यूनियन के महासचिव प्रो. बारबारोस गोनेन्गिल शामिल हुए। आयोजन में विशेष अतिथि के रूप में राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के पूर्व कुलपति प्रो. जेपी सिंघल व हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते मुख्यअतिथि प्रो.आरपी तिवारी।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. आरपी तिवारी ने कहा कि आज के समय में मानवजाति के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन है। इसके निदान के लिए आवश्यक है कि सभी मिलकर सतत विकास को केंद्र में रखते हुए विस्तृत कार्ययोजना के तहत प्रयास करें। प्रो. तिवारी ने भारतीय संस्कृति के विकास और वोकल फॉर लोकल के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बदलावों के लिए प्रयास करने पर जोर दिया।
कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने आयोजन में सम्मिलित राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों व विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विषय आज के समय में बेहद महत्त्वपूर्ण है और इसका निदान सतत विकास और सामूहिक प्रयास से ही संभव है। आयोजन सचिव डॉ. पंकज कुमार ने दो दिवसीय आयोजन की रूपरेखा प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत की।
आयोजन में अतिथियों ने आयोजन की स्मारिका व प्रो. महताब सिंह राणा की पुस्तक का विमोचन भी किया।डॉ. मनीष कुमार ने बताया कि आयोजन में देश-विदेश से 600 प्रतिभागी पंजीकृत हुए हैं और इस दो दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन में विभाग के अध्यक्ष डॉ.जितेंद्र कुमार व शिक्षक डॉ.सीएम मीणा,डॉ.संदीप राणा व डॉ. कपिल देव सहित आयोजन समिति के सदस्य महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।