बता दें कि पतछड़ के सीजन में ‘ग्रीन सिटी’ चंडीगढ़ में होर्टीकल्चर वेस्ट के ढेर लग जाते हैं। इस वेस्ट को अब चंडीगढ़ नगर निगम (MC) बेहतर ढंग से प्रोसेस कर पाएगा। एक जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ में रोजाना 8 टन होर्टीकल्चर वेस्ट इकट्ठा होता है। वहीं पतझड़ और बसंत ऋतु में 20 टन के लगभग होर्टीकल्चर वेस्ट शहर में बिखर जाता है। इस नए प्लांट में रोजाना 30 टन ऐसा वेस्ट प्रोसेस करने की क्षमता है।
मौजूदा समय में MC शहर के पार्कों और घरों आदि में लगे पेड़-पोधों के होर्टीकल्चर वेस्ट(पत्ते, डंडियां, शाखाएं) उठा कर डडडूमाजरा डंपिग ग्राउंड में डंप कर देता है। इसमें से कुछ हिस्से को खाद बनाने में इस्तेमाल कर लिया जाता है और बाकी को फेंक दिया जाता है।
चंडीगढ़ MC का कहना है कि प्लांट में स्थापित की जाने वाली मशीनरी आ चुकी है और शैड का काम चल रहा है। नवंबर के मध्य तक इस प्लांट के ऑपरेशनल होने की संभावना है। शहर भर का होर्टीकल्चर वेस्ट यहीं पर प्रोसेस किया जाएगा। 3BRD में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट(STP) के पास ही यह प्रोसेसिंग प्लांट बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट में 3.5 करोड़ रुपए की लागत लगी है जिसमें बांउड्री वॉल और शैड भी शामिल है। इस प्लांट को MC खुद चलाएगा जबकि यहां पर कर्मी ठेके के जरिए रखे जाएंगे।
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