ग्रामीण क्षेत्र में तालाबों का जीर्णोद्वार वर्तमान की अहम जरूरत

 

जल संरक्षण को प्रत्येक व्यक्ति समझें अपना कर्तव्य

तालाबों के सौंदर्यकरण से पशुओं को मिलेगा पीने का साफ पानी वहीं सिंचाई के लिए भी कर सकते है किसान इसका प्रयोग: उपायुक्त डॉ• मनोज कुमार

एस• के• मित्तल
जींद, आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में उचाना उपमण्डल के गांव छातर के सामुदायिक केन्द्र में आयोजित जिला स्तरीय अमृत सरोवर मिशन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोन्धित करते हुए उपायुक्त डॉ• मनोज कुमार ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में तालाबों का जीर्णोद्वार वर्तमान की अहम जरूरत है।


अमृत सरोवर योजना के तहत विधायक डॉ० कृष्ण लाल मिढ़ा ने किया जींद के मनोहरपुर गांव में सरोवर का शुभारम्भ

बीते समय में ग्रामीण आंचल में तालाबों को संस्कृति की महत्वपूर्ण धरोहर माना जाता था। जोहड़ों के प्रति लोगों का जुड़ाव एवं लगाव अध्यात्मिक होता था और सभी ग्रामीण समय- समय पर इनकी खुदाई अपने परिश्रम से मिल झुलकर करते थे। वर्तमान में मशीनी यंत्रों की व्यापकता, श्रम शक्ति का कम होना जोहड़ों के प्रति लोगों की उदासीनता का मुख्य कारण है और इसी की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में जोहड़ों की अत्यंत दयनीय स्थिति बन गई है, जिससे तालाबों में गन्दगी की वजह से पानी पशुओं के पीने के लायक भी नहीं रहा है जो चिंता का सबब है। लिहाजा इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पुरानी श्रम शक्ति उत्पन्न करते हुए फिर से जोहड़ों के सुधार के प्रति रूचि लेनी चाहिए।


अमृत सरोवर योजना के तहत विधायक डॉ० कृष्ण लाल मिढ़ा ने किया जींद के मनोहरपुर गांव में सरोवर का शुभारम्भ

गौरतलब है कि अमृत सरोवर मिशन कार्यक्रम में उपायुक्त विडियों कान्फ्रैसिंग के जरिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम से जुड़े। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में जिला सोनीपत के गांव नारा में सम्पन्न हुआ। विडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए प्रदेश में आयोजित सभी अमृत सरोवर मिशन कार्यक्रमों को सम्बोन्धित करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि तालाबों के रख- रखाव एवं सौदर्यकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अलग से तालाब अथोरिटी बनाई गई है। इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्तमान चालू वित्त वर्ष के लिए एक हजार 50 करोड़ रूपए का बजट अलाट किया है। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर मिशन के प्रदेशभर में एक साथ 111 कार्यक्रम किए जा रहे है। प्रत्येक जिला के 75-75 तालाबों के सौंदर्यकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और पहले चरण में प्रदेश के 1650 तालाबों को इस मिशन के अन्तर्गत लिया जाएगा। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के 1535 तथा शहरी क्षेत्र के 115 तालाब शामिल है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्णतया गम्भीर है, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं से सरकार को अवगत करवाने के लिए ग्राम दर्शन पोर्टल तथा शहरी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए नगर दर्शन पोर्टल की स्थापना की गई है, इनका आमजन ऑनलाईन लाभ ले सकते है।


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उपायुक्त डॉ• मनोज कुमार ने अपने सम्बोन्धन में कहा कि भविष्य में मानवता के अस्तित्व की एक मात्र दूरी जल होगा। लिहाजा लोगों को जल संरक्षण के प्रति संजीदगी सजग होने की जरूरत है। इसके लिए गांवों, खेत, खलियान, बावड़ी, जोहड़ों, तालाबों इत्यादि का उचित रख- रखाव कर जल संरक्षण करें और पानी का समुचित उपयोग करें। उन्होंने कहा कि बरसाती पानी को तालाबों में एकत्रित कर आवश्यकता अनुसार किसान सिंचाई के लिए इसका उपायोग कर सकते है। उपायुक्त ने कहा कि जल संरक्षण को प्रत्येक व्यक्ति अपना कर्तव्य समझें और इसे व्यर्थ ना गवाएं। सरकार तथा जिला प्रशासन लगातार इस दिशा में प्रयासरत्त है, लेकिन मुहिम की सफलता के लिए सक्रिय जनभागीदारी अत्यंत आश्यक है। डॉ• मनोज कुमार ने लोगों की जल भण्डारण एवं तालाबों के रख- रखाव के प्रति लापरवाही पर खेद जताया और कहा कि वर्तमान में लोगों ने तालाबों को केवल गन्दा पानी की निकासी का जरिया समझ लिया है जो सरासर गलत एवं संकुचित सोच का परिचायक है। उन्होंनेे ग्रामीणों का आहवान किया कि वे सरकारी प्रयासों एवं तालाब खुदाई में मशीनी यंत्रों के उपयोग पर अधिक निर्भर न रहकर खुदाई के कार्य में अपना पारिश्रमिक भी लगाए, इससे जहां तालाबों की कायाकल्प होगी वहीं पशुओं एवं सिंचाई के लिए साफ पानी भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि पानी बचाकर हम सब भावी पीढ़ी के उज्जवल एवं समृद्व भविष्य की परिकल्पना साकार कर सकते है। उपायुक्त ने कार्यक्रम के पश्चात सामुदायिक केन्द्र के प्रांगण में पौधा रोपण भी किया और ग्राम पंचायत एवं मौजिज लोगों से इनके सुरक्षित संरक्षण की अपील भी की। उपायुक्त ने इस मौके पर ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी और उचित समाधान के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। उपायुक्त डॉ• मनोज कुमार ने कार्यक्रम से पहले छातर के मिरजा वाला तालाब के जीर्णोद्वार का शिलान्यास किया। विकास एवं पंचायत विभाग तथा वेस्ट वाटर मनेजमैंट अथोरिटी के तत्वाधान में इस तालाब के सुधारीकरण, सौदर्यकरण एवं जीर्णोंद्वार पर एक करोड़ एक लाख 11 हजार रूपए की अनुमानित लागत आएगी।

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उपायुक्त ने शिलान्यास पश्चात तालाब में चल रहे कार्य का मुआयना किया और सम्बन्धित अधिकारियों को उचित दिशा- निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत के दौरान बताया कि तालाब के अन्दर से मिट्टी निकालकर करीब दस फुट गहराई तक समतल किया जाएगा। इसके अलावा चारों और बैसमेंट तैयार कर पौधा रोपण करवाया जाएगा और साथ ही सुन्दर पार्क का निर्माण भी होगा। तालाब के चारों और लाईटिंग की व्यवस्था होगी ताकि ग्रामीण भ्रमण कर स्वास्थ्य लाभ ले सके। कार्यक्रम में उचाना के एसडीएम डॉ. राजेश खोथ, एक्सईएन पंचायती राज प्रेम सिंह राणा, बीडीपीओ सुरेन्द्र खत्री, वरिष्ठ तकनीकी निदेशक एम जेड आर बदर, एडीआईओ सुषमा देशवाल, सरपंच राममेहर सिंह, पूर्व सरपंच पुरूषोतम शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मतंग सहित भारी संख्या में ग्रामीण महिलाएं एवं पुरूष मौजूद रहे।

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