एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव मुआना में घोड़ी चुराकर उसके साथ अप्राकृतिक कु्ररता करने का मामला गहरा गया है। घोड़ी के मालिक व ग्रामीणों ने पुलिस व पशुपालन विभाग के डाक्टरों पर कार्रवाई ना करने के आरोप लगाए हैं। इस मामले को लेकर ग्रामीण सोमवार को नगर के मिनी सचिवालय पहुंचकर डीएसपी आशिष कुमार से मिले और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। गांव मुआना निवासी धर्मबीर ने कहा कि उसकी रोजी-रोटी का साधन उसकी घोड़ी थी।
इस घोड़ी के माध्यम से वह सब्जी वगैरह बेचकर किसी तरह से अपना गुजारा कर रहा था। हर रोज की तरह काम करके आने के बाद रात को घोड़ी को अपने प्लाट में बांधकर सो गया था। रात्रि करीब 3 बजे वह उठा तो उसने देखा कि घोडी वहां पर बंधी हुई नहीं है। उसने गांव में आस-पास अपनी घोड़ी की तलाश की तो लगभग एक घंटे के बाद उसे अपनी घोड़ी गांव के स्टेडियम में बेसुध हालत मिली। उसकी घोड़ी के साथ अप्राकृतिक अत्याचार करते हुए उसके पिछवाड़े में पत्थर/लाठी-डंडा आदि डालकर क्रुरता की गई थी। उसने कहा कि उसकी घोड़ी का मेडीकल तो हुआ लेकिन पशुपालन विभाग द्वारा उसे अभी तक रिपोर्ट नहीं दी गई।
उन्होंने बताया गया है कि उसकी घोड़ी अब कुछ ही दिनों की मेहमान है। उसका बाथरूम भी नहीं आ रहा है और उसकी बच्चेदानी भी अंदर से फटी हुई बताई गई है। कुछ खा ना पाने के कारण उसका बेजुबान पशु मरने के कगार पर है। उनका कहा था कि आज तो पशु के साथ यह कुकृत्य हुआ है, कल किसी गांव की मां, बहन व बेटी के साथ इस प्रकार से क्रुरता हो गई तो उसका कौन जिम्मेवार होगा।
इस घटना में गांव का कृष्ण व अन्य 4-5 लोग शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना था कि इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी खुले आम घूम रहे हैं और पंचायत द्वारा दबाव बनवाकर इस मामले को ठण्डा करने की बात कह रहे हैं और घोड़ी के नुकसान का दण्ड देने की बात कह रहे है। ग्रामीणों का कहना था कि उन्हे किसी भी प्रकार का दण्ड के रूप में पैसा स्वीकार नहीं है, उनकी तो सिर्फ आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग है। ग्रामीणों की बात सुनकर डीएसपी आशिष कुमार ने उन्हे इस मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।