एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों शहर के नागक्षेत्र मंदिर के सत्संग हाल में चल रही श्रीराम कथा में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य शैलेन्द्र शुक्ल ने कहा कि जीवन में कष्ट हर किसी को आते हैं। कष्टों से तो भगवान भी अछूृते नहीं रहे हैं। उन्होंने एक प्रसंग के माध्यम से बताया कि श्री राम को कहां सुबह राजगद्दी मिलनी थी
सफीदों, सफीदों शहर के नागक्षेत्र मंदिर के सत्संग हाल में चल रही श्रीराम कथा में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य शैलेन्द्र शुक्ल ने कहा कि जीवन में कष्ट हर किसी को आते हैं। कष्टों से तो भगवान भी अछूृते नहीं रहे हैं। उन्होंने एक प्रसंग के माध्यम से बताया कि श्री राम को कहां सुबह राजगद्दी मिलनी थी
और कहां उन्हे वनवास को जाना पड़ा। राम वनवास की बात जब लक्ष्मण व सीता को पता चली तो वो भी साथ जाने लगे। पिता-माता सहित समस्त नगर निवासी बहुत दुखी हुए। सारी प्रजा राम जी के साथ वन को जाने लगी। राम जी प्रजा को समझाया की आप लोगों को वही कार्य करना चाहिए जिससे राजा को सुख हो एवं राज्य का नुकसान न हो।
इस प्रकार से यह बात भी सामने आती है कि कोई भी इंसान अपने राष्ट्र से बड़ा नहीं होता। इस अवसर पर समाजसेवी बृजभूषण गर्ग, पत्रकार प्रवीण मित्तल, ओमप्रकाश वशिष्ठ, कृष्णलाल माहला, रानाप्रताप सिंह व ऋषिराज राणा विशेष रूप से मौजूद थे।