इंग्लैंड में बर्मिंघम के एलेक्जेंडर स्टेडियम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 जूडों प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल जीतने वाली अदिति का करनाल पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया। यहां फुल मालाओं साथ उनका स्वागत किया गया। वहीं इस दौरान अदिति ने मीडिया से बातचीत करते हुए संदेश दिया कि लड़के हो या लड़कियां सभी को अपनी पढ़ाई के साथ खेलों में भी रूचि रखनी चाहिए।
बता दे कि बीती 29 अगस्त से 9 सितंबर तक इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में यमुनानगर की बेटी अदिति ने ब्रांज मेडल जीता था। बुधवार को ही वह इंग्लैंड से भारत लौटी थी। दिल्ली से वह अपने घर यमुनानगर के गांव गुड़िया जा रही थी तो रात करीब साढ़े 10 बजे वह करनाल अपने नाना के घर पहुंची। करनाल में देर रात को नवलटी रोड पर स्थित खटीक धर्मशाला में समाज के लोगों ने अदिति का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया।
करनाल पहुंचने पर लड़डू खिलाकर स्वागत करते परिजन।
बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में रखनी चाहिए रूचि
मीडिया से बातचीत करते हुए अदिति ने बताया के उसे बचपन से ही जूडों खेलने में रूचि थी। उनके माता पिता ने पढ़ाई के साथ-साथ जूडों गेम को खेलने के लिए प्रेरित किया। माता पिता के सहयोग से आज उसने कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रांज मेडल जीता है। वह अपनी जीत का श्रेय अपने माता पिता को देना चाहती है। वहीं अदिति ने युवाओं को संदेश दिया कि हमें पढ़ाई ही नहीं बल्कि खेलों में भी रूचि रखनी चाहिए।
सभी को सपने देखने व उन्हें पूरा करने का अधिकार है। पूरी मेहनत करने से सपने साकार होते है। हर युवा को अपने जीवन में एक लक्ष्य जरूर रखना चाहिए और उस लक्ष्य को पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए। मेहनत का फल आखिर में इंसान को जरूर मिलता है।
घर पहुंचने पर अदिति का मुंह मीठा करवाते परिजन।
करनाल की रहने वाली है अदिति की मां
अदिति ने बताया उनकी मां करनाल की रहने वाली है। जीत के बाद वह सीधे अपने मामा के घर नाना, नानी व मामा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आई थी। यहां पर मामा व समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। वहीं अदिति ने पूरे समाज के लोगों व अपने नाना व मामा का आभार व्यक्त करती किया। वहीं समाज के लोगों से अपील की सभी अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ खेलों के लिए भी प्रेरित करें।
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