Countervailing Duty on Copper Tubes and Pipes: सरकार ने तांबे की ट्यूब और पाइप पर पांच साल के लिए काउंटरवेलिंग ड्यूटी (Countervailing Duty) लगाने का फैसला किया है. यह टैक्स मलेशिया, थाइलैंड और वियतनाम से इंपोर्ट होने वाले तांबे की ट्यूब और पाइप पर लगाई जाएगी. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने इस मामले की खुद जांच की और उसकी सिफारिशों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. शुल्क लगाने का मकसद घरेलू कंपनियों को इन देशों के सस्ते इंपोर्ट से बचाना है.
5 साल के लिए लगाई गई है काउंटरवेलिंग ड्यूटी
डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू ने 28 अप्रैल को कहा, ‘‘इस नोटिफिकेशन के तहत लगाई गई काउंटरवेलिंग ड्यूटी आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से 5 साल के लिए लागू है, जो इंडियन करेंसी में देय होगी.’’ लगाया गया शुल्क CIF (लागत, इंश्योरेंस, माल ढुलाई) वैल्यू के 2.13 प्रतिशत से 14.76 प्रतिशत के बीच है. CIF वैल्यू वह वास्तविक मूल्य है, जिस पर किसी चीज को निर्यात किया जाता है. DGTR द्वारा शुल्क लगाने की सिफारिश के बाद वित्त मंत्रालय इस संबंध में अंतिम निर्णय लेता है. काउंटरवेलिंग ड्यूटी घरेलू व्यापार और बाजार को सस्ते विदेश आयात की प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए लगाई जाती है.
एंटी डंपिंग ड्यूटी और काउंटरवेलिंग ड्यूटी में क्या है अंतर
एंटी-डंपिंग ड्यूटी और काउंटरवेलिंग ड्यूटी का मकसद एक ही है – घरेलू निर्माताओं और कारोबारियों को नुकसानदेह विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना. लेकिन इन्हें जिन हालात में लगाया जाता है, उनमें थोड़ा फर्क है. काउंटरवेलिंग ड्यूटी विदेश से इंपोर्ट किए जाने वाले प्रोडक्ट्स पर लगाया जाने वाला एक टैक्स है. इसका इस्तेमाल आयात किए जा रहे प्रोडक्ट्स को निर्यातक देश में दी जाने वाली सब्सिडी के प्रभाव को खत्म करना होता है. जबकि एंटी डंपिंग ड्यूटी उन सामानों पर लगाई जाती है, जो काफी कम कीमत पर आयात किए जाते हैं.