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नई दिल्ली24 मिनट पहले
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सूचना आयोग ने कानून का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से लिखित स्पष्टीकरण देने कहा है।
केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने चुनाव आयोग (EC) को नोटिस भेजा है। CIC ने चुनाव आयोग पर कानून के उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए जवाब मांगा है।
दरअसल, देश के कुछ एमिनेंट पर्सनैलिटीज ने एक RTI लगाई थी, जिसमें चुनाव के दौरान EVM और VVPAT मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया गया था।
आयोग ने 30 दिन बीत जाने के बाद भी इस RTI का जवाब नहीं दिया, सीनियर अधिकारियों ने पहली अपील भी नहीं सुनी, जिस पर CIC ने नाराजगी जाहिर की।
देवसहायम ने 2022 में लगाई थी RTI
पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी एमजी देवसहायम ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों EVM, VVPAT और वोट-काउंटिंग प्रोसेस की विश्वसनीयता पर को लेकर एक याचिका दायर की थी। सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत चुनाव आयोग के पास आवेदन कर उस पर की गई कार्रवाई का विवरण मांगा। अभ्यावेदन 2 मई 2022 को चुनाव आयोग को भेजा गया था।
22 नवंबर 2022 को दायर RTI के जरिए देवसहायम उन व्यक्तियों और पब्लिक ट्रिब्यूनल्स के बारे में जानना चाहते थे जिन्हें इस मुद्दे पर आयोजित किसी भी बैठक का विवरण और सभी फाइल भेजी गई थी।
मुख्य सूचना आयुक्त बोले- जितने जिम्मेदार वे सभी जवाब दें
देवसहायम ने पोल पैनल से जवाब न मिलने पर दूसरी अपील में CIC से की। मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया ने पूछताछ की, तो चुनाव आयोग के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी इस बात पर जवाब नहीं दे सके कि देवसहायम को कोई जवाब क्यों नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि यदि चूक के लिए अन्य लोग भी जिम्मेदार हैं, तो CPIO उन्हें आदेश की कॉपी देगा और ऐसे लोगों की लिखित दलीलें CIC को भेजी जाएं। सामरिया ने चुनाव आयोग को 30 दिनों के भीतर RTI आवेदन पर जवाब देने का भी निर्देश दिया है।
इन लोगों ने दायर किया था RTI आवेदन
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIM) के प्रोफेसरों समेत मशहूर तकनीकी प्रोफेशनल्स, शिक्षाविदों, रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों, पूर्व सिविल सेवकों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए थे।
चुनाव आयोग को 2 मई 2022 को लिखे पत्र में इन लोगों ने लिखा था- “इस ज्ञापन के जरिए हम चुनाव आयोग के सामने कुछ बातें रखना चाहते हैं जिनका चुनावी लोकतंत्र के रूप में भारत के अस्तित्व पर असर पड़ता है। हम ECI से प्रत्येक के लिए तत्काल प्रतिक्रिया की उम्मीद करेंगे।”
सभी EVM के वोटों की VVPAT से मिलान की मांग, SC ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा
चुनाव में EVM के सभी वोटों की गिनती वीवीपैट मशीन की पर्चियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सोमवार (1 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अब 17 मई को सुनवाई होगी।
एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल की ओर से अगस्त 2023 में लगाई गई याचिका में मांग की गई थी कि EVM में पड़े सभी वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से करना चाहिए। फिलहाल निर्वाचन क्षेत्र के रैंडम 5 EVM का ही VVPAT से मिलान होता है।
साथ ही याचिका में कहा गया है कि वोटर्स को VVPAT की पर्ची फिजिकली वेरिफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलेट बॉक्स में पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी। याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने लगभग 24 लाख वीवीपैट खरीदने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन केवल 20,000 वीवीपैट की पर्चियों का ही वेरिफिकेशन होता है। पूरी खबर पढ़ें
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