हरियाणा कांग्रेस प्रधान पदों पर नियुक्ति में हुई अनदेखी से नाराज चल रहे विधायक कुलदीप बिश्नोई और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा में ‘अंतरात्मा की आवाज’ के बयान पर जबानी जंग बढ़ गई है। बिश्नोई ने यह कह कर हुड्डा पर करारा वार किया कि पिछले राज्यसभा चुनाव में जिस व्यक्ति के कपड़ों पर लगे स्याही के दाग न धुले हों, वो अंतरात्मा की बात क्या करेगा। कुलदीप ने खुद को कांग्रेस का सच्चा सिपाही बताते हुए हुड्डा की पार्टी के प्रति वफादारी को कटघरे में खड़ा कर दिया। राज्यसभा चुनाव के मौके पर दो दिग्गजों में विवाद ने कांग्रेस आलाकमान को चिंतित कर दिया है।
यहां से शुरू हुई अंतरात्मा की जंग
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के सवाल पर कांग्रेस नेता और आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा था कि- मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन कर ही वोट डालूंगा। अंतरात्मा की आवाज पार्टी से ऊपर होती है। उन्होंने सभी विधायकों को अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की नसीहत दी थी। उनके इस बयान पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के जबाव और अब कुलदीप के पलटवार पर कांग्रेस में घमासान मचा है।
हुड्डा का वार- पार्टी से होगा बाहर
कुलदीप बिश्नोई के अंतरात्मा वाले बयान पर हुड्डा ने कहा था कि अंतरात्मा की आवाज पार्टी की आवाज होती है और जो पार्टी की आवाज नहीं सुनता वह पार्टी से बाहर जा सकता है। उन्होंने कुलदीप के लिए साफ संकेत दिया कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन को वोट न देने पर उनके साथ क्या हो सकता है। हुड्डा के कड़े बोल के बाद कुलदीप बिश्नोई ने भी उनको सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
उनके मुंह से अंतरात्मा की बात शोभा नहीं देती : कुलदीप
पूर्व सीएम एवं सीएलपी लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान पर कुलदीप बिश्नोई ने भी करारा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जहां तक वो अंतरात्मा की बात करते हैं, मैं ये कहना चाहूंगा कि जब उन्होंने G-23 बनाई थी, तब उन लोगों की अंतरात्मा की आवाज कहां गई थी। जो लोग कांग्रेस को तोड़ने की बात करते रहे हैं उनके मुंह से अंतरात्मा की बात शोभा नहीं देती। जिनकी आत्मा ED और BJP के पास गिरवी है, वे अंतरात्मा की नसीहत न दें। पिछले राज्यसभा चुनाव में जिन लोगों के कपड़ों पर लगे स्याही के दाग न धुले हों, वो अंतरात्मा की बात करते हैं।
किसी से सर्टीफिकेट लेने की जरूरत नहीं
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि उनको किसी से कांग्रेसी होने का सर्टीफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। उनके खून में कांग्रेस है। इतिहास उठा कर देखें तो उनके पिता बिश्नोई रत्न भजनलाल कांग्रेस पार्टी की पहचान होते थे, चेहरा होते थे। उन्होंने कांग्रेस को खून से सिंचा था और वे उन्हीं के बेटे हैं। उन्होंने भी कांग्रेस के लिए ही काम किया है। चाहे उन्होंने जनहित कांग्रेस (बी) बनाई हो, लेकिन उसके मूल रूप, सारे सिद्धांत सारे कांग्रेस के थे।