हरियाणा के रोडवेज कर्मी 23 अगस्त को निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेंगे, जिसके लिए जिला स्तर पर बैठकों का दौर जारी है। निजीकरण के विरोध में किए जाने वाले इस प्रदर्शन में सभी रोडवेज यूनियनों को एक साथ लाने के लिए सांझा मोर्चा प्रयास कर रहा है, ताकि सभी मिलकर रोडवेज के निजीकरण के मुद्दे को उठाएं और लक्ष्य में सफल हों।
हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा रोहतक के वरिष्ठ सदस्य अमित महराणा ने कहा कि 23 अगस्त को हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा के आह्वान पर प्रधान सचिव परिवहन विभाग हरियाणा के खिलाफ काली पट्टी बांधकर व काले झंडे लेकर धरने प्रदर्शन का निर्णय लिया है। सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत 550 इलेक्ट्रिक बसें लाना चाहती है। एक बस की कीमत 1.25 करोड़ रुपए है।
वहीं दूसरी ओर सरकार स्टेज कैरिज स्कीम के तहत प्राइवेट बसें लाना चाहती है। अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए रोडवेज विभाग को बर्बाद करने पर तुली हुई है। यह बसें न तो विभाग के हित में है और न ही जनता के हित में। जनता लगातार सरकार से हरियाणा रोडवेज के बेड़े में साधारण बसों को शामिल करने की मांग करती आ रही है, लेकिन सरकार विभाग का निजीकरण कर रही है।
उन्होंने चेताया कि अगर सरकार ने निजी मार्गों पर 952 के लगभग परमिट देने का प्रयास किया तो रोडवेज कर्मचारी इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। अमित महराणा ने कहा कि हरियाणा सरकार के खिलाफ 10 सितंबर को करनाल में सांझा मोर्चा का विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर बडे आंदोलन की भी घोषणा की जाएगी।