एक साल पहले प्रदेश सरकार द्वारा डयाल 112 पुलिस गाड़ी की योजना करनाल ही नहीं बल्की पूरे प्रदेश में कारगर साबित हो रही है। डायल 112 पुलिस गाड़ी न केवल लोगों की जान बचा रही है बल्कि लोगों की पुलिस समय पर न पहुंचने की धारणा को भी बदल रही है।
कंट्रोल रूम से ERV पर बात करता पुलिसकर्मी।
बतादे कि अब हरियाणा में आपातकालीन स्थिति में पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस सर्विस के लिए अलग-अलग नम्बर डायल करने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि इन सभी सेवाओं के लिए सरकार ने डायल-112 हेल्पलाइन जारी की हुई है। जिस पर कर्मचारी ना सिर्फ 24 घंटे तैनात रहते है बल्कि 15 से 20 मिनट में सहायता के लिए पहुंच भी जाती है। हरियाणा में डायल-112 को शुरू हुए एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। डायल-112 प्रोजेक्ट कितना नागरिकों के लिए कितना कारगर साबित हो रहा है और महिलाएं डायल-112 शुरू होने के बाद स्वयं को कितना सुरक्षित महसूस कर रही है। इसको लेकर दैनिक भास्कर की टीम नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के बीच पहुंची। सभी जगह से डायल-112 प्रोजेक्ट की सराहना हुई।
झूठी कॉल करने वाले 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुछ लोग इस सुविधा का नाजायज फायदा उठाते है। पुलिस के पास झूठी करके गलत सूचना देकर पुलिस का समय खराब करते है। जिससे कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। करनाल पुलिस द्वारा जिले भर से 25 ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिन्होंने झूठी कॉल करके पुलिस का समय खराब किया है।
आती है हर रोज 150 कॉल
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करनाल जिले में कुल 33 ERV है, जिनमें से दो ERV नेशनल हाईवे पर तैनात है। काल के तुरंत बाद ही पुलिस मौके पर पहुंच जाती है। करनाल में औसतन 150 कॉल प्रतिदिन आती है, और प्रत्येक काल का समाधान मौके पर ही किया जाता है। अगर मामला बढ़ जाता है तो संबंधित पुलिस थाना को सूचना दी जाती है और वहां की पुलिस मामले में कार्रवाई करती है।
महिला रेणु।
पेश है महिलाओं से बातचीत के कुछ अंश
अब महिलाओं व बच्चियों को डरने की जरूरत नहीं: रेणु
बुजुर्ग महिला रेणु का कहना है कि “पहले एक कहावत होती थी कि अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी आँचल में है दूध और आंखों में पानी” पर आज के समय में नारी सशक्तिकरण के तहत देखा जाए तो डायल 112 बहुत कारगर है। अब महिलाओं को या बच्चियों को डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि वे चाहे कही पर भी हो डायल 112 करते ही चंद मिनटों में पुलिस सहायता पहुंच जाती है, जबकि लोगों में पहले धारणा बनी हुई थी कि हर काम में पुलिस देरी से पहुंचती है लेकिन अब ऐसा नहीं है।
पार्षद मेघा भंडारी।
डायल-112 महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हुई कारगर साबित:मेघा भंडारी
करनाल पार्षद मेघा भंडारी ने बताया कि पहले सुनते थे कि पुलिस क्राइम होने के बाद आती है लेकिन इस बात को सरकार ने गलत साबित किया और अब क्राइम होने के कुछ देर बाद ही डायल 112 पहुंच जाती है। डायल 112 महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कारगर साबित हुई है। चाहे दिन का समय हो या रात का। एक बार 112 नंबर डायल करें तुरंत सहायता मिलेगी। इसकी वजह से क्राइम रेट में भी कमी आई है। जिसके लिए सरकार और प्रशासन निरन्तर कार्य कर रहे है।
इंस्पेक्टर शमशेर सिंह।
15 से 20 मिनट में पहुंच जाते है मौके पर
पुलिस कंट्रोल रूम करनाल में तैनात इंस्पेक्टर शमशेर सिंह ने बताया कि उनको पुलिस अधीक्षक द्वारा ERV के रख रखाव की जिम्मेदारी मिली हुई है। हरियाणा सरकार बहुत ही अच्छा प्रोजेक्ट है जिसमें जिस भी नागरिक को जहां पर भी किसी तरह की सहायता की जरूरत होती है तो ERV वहां पर कुछ ही देर में पहुंच जाती है। ग्रामीण इलाकों में पहुंचने के लिए 20 मिनट और शहरी क्षेत्र में पहुंचने के लिए 15 मिनट का समय लगता है।
हालांकि शुरुआती दौर में कर्मचारियों को दिक्कतें भी आई लेकिन अब कर्मचारी ट्रेंड हो चुके है। ERV ना सिर्फ नागरिकों की सहायता के लिए अलर्ट है बल्कि आतंकियों और हथियारों को पकड़ने का काम भी करती है। जिसका उदाहरण कुछ माह पहले बसताड़ा टोल पर देखने को मिला था, जहां ERV द्वारा आतंकियों को पकड़ा गया था। इसके अतिरिक्त लोगों का विश्वास भी ERV के प्रति बढ़ा है। अगर कोई फेक काल करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।
जानकारी देते पुलिस कप्तान गंगा राम पूनिया।
लोगों के सुझाव पर किया जाता है काम: SP
पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने बताया कि आपात सेवाएं मुहैया करवाने के लिए डायल 112 की शुरुआत की गई है। जिसके लिये ERV उपलब्ध करवाई गई है। करनाल जिले के लिए 33 ERV है, जिनमें से दो ERV नेशनल हाईवे पर तैनात है। काल के तुरंत बाद ही पुलिस मौके पर पहुंच जाती है और कई बार तो ERV की टीम ने मौके पर ही आरोपियों को भी पकड़ा हैं।
अमूमन लोगों की यह शिकायत रहती थी कि काल के बाद पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती या देरी से आती है लेकिन अब ऐसा नहीं हैं। लोगों की तरफ से फीडबैक भी मिलते है और जो सुझाव आते है उन पर भी काम किया जाता है। इसके अलावा झूठी काल करने वाले 25 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। ताकि पुलिस का समय बर्बाद ना हो और लोग फेक कॉल करके पुलिस को बेवजह परेशान न करे