करनाल की मंडियों में धान खरीद पर ‘खेल’: अधिकारियों की आंखें बंद; रात के अंधेरे में राइस मिलों से सस्ते दामों पर फसल खरीद रहे मिलर

 

 

हरियाणा में धान सीजन की शुरुआत से ही अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। प्रदेश सरकार की ओर से फसल खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए कई योजनाएं बनाई रही हैं, लेकिन धरातल पर करोड़ों रुपए का खेल शुरू हो चुका है।

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हड़ताल का फायदा उठाकर बड़े व्यापारी धान को सीधे अपने गोदाम में मंगवा रहे हैं, जिसकी अधिकारियों को भनक तक नहीं लगने दी। ऐसा नहीं कि सरकारी तंत्र को इसकी जानकारी न हो, सभी को सब कुछ पता है। इसके बावजूद आंखें मूंद कर किसानों को बर्बाद होने दिया जा रहा है। हड़ताल के चलते छोटा किसान मंडी में पिस रहा है, जबकि बड़े किसानों ने सीधे व्यापारियों से संपर्क करके धान बेचना शुरू कर दिया है।

राइस मिल के अंदर जाती किसान की धान से भरी ट्राली।

धान खरीद को इस तरह दिया जा रहा अंजाम

निसिंग एरिया से शुक्रवार देर शाम को एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें रात के अंधेरे में सैकड़ों धान से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां राइस मिलों में जा रही हैं और वहां पर यह धान मंडी से सस्ते दामों पर खरीदी जा रही है। 1509 धान, जिसका 15 दिन पहले मंडी में 3800 रुपए रेट था, उस धान को 3000, 3200 में खरीद करके किसानों राइस मिलर खरीद करके मोटा मुनाफा काम रहा है। परमल धान को 1500 से 1800 के बीच में खरीदा जा रहा है

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यह सुविधा भी बड़े जमीदारों को

बता दें कि जो जिस किसान के पास धान का रकबा कम है, वह आज भी मंडी में 6 दिन से धान के बिकने का इंतजार कर रहा है, लेकिन जो बड़े जमींदार हैं, वे अपनी धान कहीं किसी और राज्य में ले जाकर न बेच दें, इसलिए उन किसानों की धान की ट्रालियां सीधे राइस मिल में आढ़ती के माध्यम से जा रही हैं। छोटे किसान की धान आज भी मंडियों में बारिश में खराब हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों व सरकार ने किसानों को लावारिस छोड़ दिया है।

हाईवे पर लगी धान की ट्रालियों की लाइन।

हाईवे पर लगी धान की ट्रालियों की लाइन।

हड़ताल की आड़ में कमा रहे मोटा मुनाफा

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एक तरफ तो आढ़ती हड़ताल पर बैठकर धान की खरीद शुरू नहीं कर रहे। दूसरी ओर यही आढ़ती या जिन का राइस मिलों में हिस्सा है या फिर जिनकी राइस मिलरों के साथ अच्छी सांठ गाठ है, उनसे मिली भगत करके उत्तर प्रदेश से आने वाली किसानों की धान व बड़े किसानों की धान को ओने पौने दामों में खरीद कर अपना कोटा पूरा करके मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

राइस मिल में लाइन में लगी धान की ट्रालियां।

राइस मिल में लाइन में लगी धान की ट्रालियां।

मंडियों में पीस रहा गरीब तबका और श्रमिक

वहीं मंडियों में हड़ताल व मौसम की मार के चलते गरीब तबके के किसान व श्रमिक पीस रहे हैं। श्रमिक दूसरे राज्यों से धान के सीजन में पैसा कमाने के लिए मंडी में आए थे। पिछले 6 दिन से न तो किसान की धान की बिक रही है और न ही श्रमिकों को काम मिल रहा है। इस समय श्रमिकों को अपने खाने तक लाले पड़े हुए हैं। श्रमिकों का कहना है कि अगर हड़ताल खत्म नहीं हुई तो उन्हें मजबूरन अपने घरों की ओर पलायन करना पड़ेगा।

 

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