कपिल सिब्बल का दावा- जम्मू-कश्मीर में कोई चुनाव नहीं होगा: बोले- चुनाव आयोग BJP के लिए वफादार, केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव न कराना असंवैधानिक

नई दिल्ली11 घंटे पहले

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कपिल सिब्बल ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है, इसका फायदा सीधा भाजपा को हुआ है।

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने रविवार 17 मार्च को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में कोई चुनाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलना और फिर चुनाव न कराना असंवैधानिक है।

सिब्बल ने चुनाव आयोग पर भाजपा के प्रति झुकाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए आयोग की वफादारी खुलेआम दिख रही है। इसलिए चुनाव 7 चरण में हो रहे हैं, ताकि भाजपा संसाधनों का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सके।

सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा सरकार के लिए चुनाव आयोग की वफादारी खुलेआम दिख रही है।

सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा सरकार के लिए चुनाव आयोग की वफादारी खुलेआम दिख रही है।

कपिल सिब्बल के तीन बड़े बयान …

1. इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ
इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है, इसका फायदा सीधा भाजपा को हुआ है। RSS और भाजपा बताए इस करप्शन पर क्या कहेंगे, उन्हें जवाब देना चाहिए। ED सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर रेड करती है। अरविंद केजरीवाल आज नहीं तो कल गिरफ्तार होंगे।

2. नोटबंदी भी बड़ा स्कैम था
हिंदुस्तान में दो बहुत बड़े स्कैम हुए। एक नोटबंदी, जहां करोड़ों रुपए का कैश बदल दिया गया। उसकी आज तक जांच नहीं हुई। वो बहुत बड़ा स्कैम था। उससे भी बड़ा स्कैम इलेक्टोरल बॉन्ड है। इस स्कैम से भाजपा दुनिया में सबसे अमीर पार्टी बनकर उभरी है।

कपिल सिब्बल ने 2016 में हुई नोटबंदी को सबसे बड़ा स्कैम बताया।

कपिल सिब्बल ने 2016 में हुई नोटबंदी को सबसे बड़ा स्कैम बताया।

3. PM केयर्स फंड की जांच होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने PM केयर्स में दिए गए चंदे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि PM केयर्स की भी जांच होनी चाहिए। पता चलना चाहिए कि PM केयर्स फंड में किसने-किसने पैसे दिए। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह स्कीम यह सोचकर चलाई होगी कि कोई भी पार्टी भाजपा से मुकाबला न कर पाए। वो सही निकला। भाजपा सबसे अमीर पार्टी बन गई।

चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव न करवाने की दो वजहें बताईं….

  • मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में बना था। इसमें 107 विधानसभा सीटों का प्रावधान था, जिनमें से 47 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के लिए थीं। फिर 2022 में परिसीमन किया गया तो राज्य की सीटें 107 से 114 हो गईं। फिर इसमें आरक्षण का भी प्रावधान था। इसके बाद दिसंबर में इस आधार पर जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया गया, लेकिन तब तक हम लोकसभा चुनावों की तैयारी में लग गए थे।
  • जब हम कश्मीर में लोगों से मिलने गए तो वहां पॉलिटिकल पार्टियों का कहना था कि लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करवा दीजिए। लेकिन वहां प्रशासन का कहना था कि ऐसा करना संभव नहीं होगा, क्योंकि एक हजार के करीब उम्मीदवार होंगे और हर उम्मीदवार को सुरक्षा की जरूरत पड़ती है।

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जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने मंगलवार 12 मार्च को चुनाव आयोग से लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार जम्मू-कश्मीर के तीन दिन के दौरे पर थे। वे यहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों के लिए लोगों और राजनीतिक पार्टियों से रायशुमारी करने पहुंचे थे। पूरी खबर पढ़ें …

लोकसभा चुनाव 7 फेज में: पहली वोटिंग 19 अप्रैल, आखिरी 1 जून को; मणिपुर की एक सीट पर 2 फेज में वोटिंग: नतीजे 4 जून को

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