ऐतिहासिक होगा स्वामी दयानंद सरस्वती का 200वां जयंती समारोह: बचन सिंह आर्य

कहा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे समारोह का शुभारंभ

एस• के• मित्तल 

सफीदों,          सार्वजनिक आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वावधान में आगामी 12 फरवरी को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित होने वाला स्वामी दयानंद सरस्वती का 200वां जयंती समारोह ऐतिहासिक होगा। यह बात पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने बताया कि इस समारोह में मुख्य अतिथि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। समारोह में देश-विदेश से हजारों सुप्रसिद्ध आर्य, वैदिक धर्माचार्य, विद्वान एवं सन्यासी शिरकत करेंगे।

उन्होंने बताया कि इस दिन जयंती वर्ष का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कर दिया जाएगा। उसके उपरांत आगामी वर्ष 2024 तक पूरे वर्ष देशभर में जगह-जगह आर्य समाजों के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद चारों वेदों एवं उपनिषदों के प्रगाढ़ पंडित एवं पूरे विश्व को अच्छा जीवन जीने की दिशा देने वाले थे। स्वामी दयानंद ने उस समय सती प्रथा, छुआछात, नशाखोरी व बाल विवाह जैसी अनेकों कुरीतियों के खिलाफ घूम-घूमकर जनमानस में अलख जगाई। देश-विदेश में उनके मानने वाले कई करोड़ों की संख्या में एक से एक महान विभूतियां रही हैं।
देश के वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, वर्तमान में ऑर्गेनिक खेती का पूरे देश में झंडा उठाए हुए गुरूकुल कुरूक्षेत्र के आचार्य एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, योग को विदेशों तक पहुंचाने वाले स्वामी रामदेव जैसी विभूतियां अनेक समेत अनेक सांसद एवं राजनेता स्वामी ऋषि दयानंद के विचारधारा की देन है। स्वामी रामदेव ने वेदों का प्रचार करने के साथ-साथ ऋषि-मुनियों की खोज यज्ञ पद्धति का प्रचार-प्रसार किया। गौ करूण निधि ग्रंथ लिखकर उन्होंने गौमाता के गुणों का वर्णन किया। इसके अलावा उन्होंने वेदों का भाष्य शुद्ध रूप से लिखकर ज्ञान अर्जित करने के लिए मनुष्य को दिया। सत्यार्थ प्रकाश जैसा महान ग्रंथ ऋषि दयानंद की महान कृति है और गुरुकुल पद्धति भी स्वामी दयानंद की देन है।
देश की आजादी में पहली आवाज उठाने वाले स्वामी दयानंद ही थे। उसके बाद उनके अनुयायी स्वामी श्रद्धानंद, रामप्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त, रोशनलाल लहरी व लाला लाजपत राय समेत सैंकड़ों स्वतंत्रता सेनानी स्वामी दयानंद की आवाज को बुलंद किया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा तादाद में इस समारोह में शिरकत करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!