नई दिल्ली1 घंटे पहले
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तस्वीर 23 जून 2023 की है, जब सिसोदिया 103 दिन बाद जेल से बाहर आकर अपने घर पहुंचे थे। कोर्ट ने सिसोदिया को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच घर जाकर पत्नी से मिलने की इजाजत दी थी।
दिल्ली शराब नीति केस में 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ से अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के लोगों को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा- जल्द ही बाहर मिलेंगे। शिक्षा क्रांति जिंदाबाद, लव यू ऑल।
मनीष सिसोदिया ने यह चिट्ठी 15 मार्च को लिखी थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इसे अपने X प्लेटफॉर्म पर आज 5 अप्रैल को जारी किया। सिसोदिया ने कहा- अंग्रेजों को भी अपनी ताकत का बहुत ज्यादा घमंड था। अपनी सत्ता के दम पर वे जिसे चाहते उस पर झूठे आरोप लगाकर जेल में डाल देते थे।
सिसोदिया ने कहा- जिस तरह अंग्रेजों की तानाशाही के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़कर आजादी का सपना सच हुआ था। उसी तरह देश के हर एक बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलने का सपना भी जरूर पूरा होगा। सिसोदिया की जमानत पर 6 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है।
मनीष सिसोदिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए 4 पन्नों की चिट्ठी लिखी।
सिसोदिया की चिट्ठी की 5 बातें…
1. मैं गांधीजी के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं
अंग्रेजों ने सत्ता के अहंकार में डूबकर गांधी जी को भी कई बार, कई वर्षों तक जेल में डालकर रखा था, लेकिन इतिहास गवाह है कि महात्मा गांधी जैसे संत पर झूठे आरोप और तानाशाही वाले कानून लगाकर उन्हें जेल में डालने वाले अंग्रेजी राज का सूरज डूब गया था। आज गांधी जी का नाम सारी दुनिया में इतनी इज्जत से लिया जाता है। गांधी जी के नाम का सूरज कभी नहीं डूबता।
सत्ता के नशे में चूर इन्हीं अंग्रेजों ने नेल्शन मंडेला को भी 30 साल तक जेल में डालकर रखा, लेकिन आज दुनिया जेल में डालने वाले उन तानाशाह का नहीं, बल्कि मंडेला को उनकी लड़ाई के लिए याद करती है। ये लोग बहुत बड़े लोग थे। मैं तो इनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं। ये लोग मेरी प्रेरणा हैं।
2. जेल में मैंने राजनीति में आने के अपने कारण पर चिंतन किया
पिछले एक साल में, जेल में रहते हुए, मैंने राजनीति में आने के अपने कारण पर चिंतन किया। इससे मेरा संकल्प और मजबूत हुआ। यह संकल्प है देश के हर गांव, हर कस्बे, हर शहर में रहने वाले हर बच्चे के लिए शानदार और मुफ्त शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो। आज के समय में देशों की सामाजिक मजबूती स्कूलों से तय हो रही है। वहीं, आर्थिक मजबूती कॉलेजों-यूनिवर्सिटी के स्तर से तय हो रही है। यह बात हमारे देश की राजनीति को भी समझनी होगी।
3. आप का कार्यकर्ता शिक्षा क्रांति का सिपाही
आज जब हम भारत को विकसित देश बनाने की बात कर रहे हैं। विकसित देशों ने अपने स्कूल- कॉलेजों को सिर्फ पढ़ाई पूरी होने का सर्टिफिकेट बांटने के हिसाब से नहीं खड़ा कि है। विकसित देशों में स्कूल का मतलब है- बच्चे को कॉलेज आदि आगे की पढ़ाई के लिए तैयार करना। उन्हें समाज में जाति-धर्मों का मेलजोल, समानता, स्त्री- पुरुष में भेदभाव खत्म करने जैसी बातों की सीख भी दी जाती है।
कॉलेज यूनिवर्सिटी सिर्फ बच्चों को अच्छी नौकरी करने के लिए तैयार नहीं करते। उनका काम बच्चों को नई टेक्नॉलॉजी सिखाना है। ऐसे कॉलेज तैयार करने की गारंटी देश की राजनीति को लेनी पड़ेगी। मुझे खुशी है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता अपने आप को इसी शिक्षा क्रांति का सिपाही मानकर चल रहा है।
4. दिल्ली के बाद पंजाब में भी शिक्षा क्रांति हो रही है
आज सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पंजाब में भी शिक्षा क्रांति की खबरें पढ़ने को मुझे मिलती हैं। यह एक बड़ा सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहा है। आज़ादी के दीवानों के सपनों का भारत यही तो था। भगत सिंह के सपने का भारत, गांधी-सुभाष-अंबेडकर साहब के सपनों का भारत यही तो था। आप जानते हैं कि मैंने अपना पूरा जीवन इसी सपने को पूरा करने में लगाने का संकल्प लिया है।
5. आपने मुझे अपने दिल में बड़ा पद दिया है
जेल में रहने के पिछले एक साल में मैंने महसूस किया है कि मेरे मन में आपके प्रति प्यार और विश्वास कई गुना बढ़ा है। आप लोगों का प्यार और विश्वास किसी MLA या मंत्री पद से भी बड़ी ताकत है। इस बीच आप सबने मेरी पत्नी सीमा का जितना ध्यान रखा है उसकी बातें मुझे, सीमा बताती रहती है।
ये तो मैं पहले से जानता था कि आप लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं, लेकिन जेल जाने का अवसर नहीं आता तो यह जानने का सौभाग्य नहीं मिलता कि आपने मुझे अपने दिल में कितना बड़ा पद दिया है। इसके सामने मैं अपनी योग्यता बहुत कम पाता हूं। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूं कि मुझे आपके इस प्यार और सम्मान के लायक बनने में मेरी मदद करें।
शराब नीति मामले में केजरीवाल भी गिरफ्तार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। ED ने केजरीवाल को 9 समन भेजा था। वे एक भी समन पर पेश नहीं हुए। इस दौरान ED और केजरीवाल दोनों समन को लेकर कोर्ट पहुंचे थे।
ED ने केजरीवाल को 17 मार्च को 9वां समन भेजा था। केजरीवाल 19 मार्च को समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बार-बार समन भेजने को लेकर ED को तलब किया। पूरी खबर पढ़ें…
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