परंपरागत खेती छोड़ शुरू की बागवानी.
यूट्यूब से आया आइडिया, फिर उठाया सरकारी योजनाओं का लाभ.
भिवानी. कहते हैं एक आइडिया इंसान की ज़िंदगी बदल देता है. एक तरफ़ जहां महामारी के दौर में लोग डरे सहमें रहे, वहीं भिवानी के दो युवा किसानों ने यूट्यूब से परंपरागत खेती छोड़ ज़हर मुक्त खेती करने का आइडिया लेकर अपने खेतों में सफल प्रयोग किया. अब ये दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं और सूबे के कृषि मंत्री जेपी दलाल इन्हें सम्मानित कर ट्रेनर बनाने की कह रहे हैं.
आपदा को बनाया अवसर! कोरोना काल में शुरू की बागवानी, जहर मुक्त खेती कर कमा रहे मोटा मुनाफा
ये सब बदलाव किया है धनाना गांव के युवा किसान सुरेन्द्र व सतीश ने. जिन्होंने यूट्यूब से ज़हर मुक्त खेती का आइडिया लिया, फिर बाग़वानी विभाग की योजनाओं का लाभ उठाते हुये देखते ही देखते कोरोना काल में प्रगतिशील किसान बन गए।. युवा किसान सुरेन्द्र सिंह ने 6 एकड़ में डेढ़ साल पहले बाग लगाया. आज शायद ही कोई फलदार पौधा हो जो इनके बाग में ना हो.
यूं तो सुरेन्द्र सिंह ने अमरूद, कीनू व बेरी का बाग लगाया है, पर 2-2, 3-3 पौधे हर फल के हैं. यहां बादाम, सेब व चिकू से लेकर आलूबुख़ारे व आड़ू तक के पौधे लगाए गए हैं. बाग पूरी तरह से तैयार हो, तब तक खर्च निकालने के लिए सुरेन्द्र सिंह ने बाग के बीच में रंगबीरंगे तरबूज़ व ख़रबूज़े लगाए हैं.
वहीं सुरेन्द्र सिंह ने 11 एकड़ में नेट हाउस लगाया है जिसमें ड्रिप सिंचाई पूरी तरह सौर उर्जा से की जाती है. ख़ास बात ये है कि बाग़वानी विभाग से बाग, नेट हाउस, ड्रिप सिंचाई व सौर उर्जा पर सुरेन्द्र सिंह ने 70 से 80 फिसदी सब्सिडी मिली है. अब सुरेन्द्र सिंह के इस प्रोजेक्ट पर उसका साथी सतीश पसीना बहा कर दोनों के सपने साकार कर रहा है.
सतीश का कहना है कि वो ज़हर मुक्त खेती कर रहे हैं और प्रति एकड़ खीरे की फसल से हल साल 6-7 लाख रूपये कमा रहे हैं. सुरेन्द्र व सतीश दोनों दूसरे किसानों से भी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर बाग़वानी व ज़हर मुक्त खेती करने की अपील कर रहे हैं. आपदा में अवसर पैदा करने वाले युवा किसान सुरेन्द्र व सतीश की मेहनत देख हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल दोनों को बधाई दे रहे हैं और इन्हें सम्मानित कर दूसरे किसानों के लिए ट्रेनर बनाने की कह रहे हैं. जेपी दलाल ने कहा कि वो इन्हें इनाम भी देंगे.