हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में कुलदीप बिश्नोई की बगावत की वजह से कांग्रेस कैंडिडेट अजय माकन हार गए। माकन की हार के बाद शनिवार सुबह कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट किया कि फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते। उनके इस ट्वीट के बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता अशोक तंवर ने कुलदीप से पूछा कि सांप का फन कुचलने से क्या होगा। अजगर तो अभी जिंदा है।
इस ट्वीट के बहाने अशोक तंवर का इशारा अपने राजनीतिक विरोधी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर रहा। तंवर को हुड्डा की वजह से ही कांग्रेस छोड़नी पड़ी।
तंवर का हुड्डा के साथ रहा 36 का आंकड़ा
अशोक तंवर के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए उनका पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ 36 का आंकड़ा रहता था। दिल्ली में हुई रैली में अशोक तंवर पर हुड्डा समर्थकों ने हमला कर दिया था। यह मामला कांग्रेस में काफी तक सुर्खियों में रहा, परंतु कोई एक्शन नहीं हुआ।
विधानसभा चुनाव में 2019 में अशोक तंवर ने अपने समर्थकों को टिकट न मिलने पर बगावत कर दी थी, जिस पर पार्टी ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाकर और प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।
डाल के कट जाने से पेड़ नहीं गिरते
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौड ने कुलदीप पर तंज किया कि जिस डाल पर बैठे हैं, उस डाल को काटना और खुद भी गिर जाना। इसे हुनर नहीं कहते। सत्य यह भी है कि एक डाल के कट जाने से पेड़ नहीं गिरा सकते।
कुलदीप की क्रॉस वोटिंग से अजय माकन हारे
कुमारी सैलजा के इस्तीफा देने के बाद कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में थे। हुड्डा भी अपने बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहते थे, परंतु एक नेता एक पद का नियम इस राह में रोड़ा बन गया। इसलिए कुलदीप बिश्नोई दौड़ में सबसे आगे थे, परंतु एकाएक हुड्डा ने दलित नेता उदयभान का नाम हाईकमान के सामने रख दिया और अपनी बात बनवाने में कामयाब रहे।
इससे कुलदीप हाईकमान से नाराज हो गए। कुलदीप ने राज्यसभा चुनाव में अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट डालने की बात कहकर अजय माकन के खिलाफ वोट कर दिया। जिस पर पार्टी ने उन्हें कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।