पात्र परिवारों को घर बैठे ऑनलाईन आवेदन के जरिए ही मिल रहा है सरकारी योजनाओं का लाभ
सरकार का मुख्य उद्देश्य गरीब व्यक्ति का उत्थान एवं उनकों मुख्य धारा में शामिल करना : उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार
SEE MORE;
जींद पुलिस ने किया ट्रैफिक नियमों की जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
जींद 7 अप्रैल उपायुक्त डॉ मनेाज कुमार ने कहा कि वो समय चला गया जब जरूरतमंद व्यक्ति योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों में जाते थे, अब सूचना प्राद्यौगिक के युग की नई शुरूआत हुई है जिसके तहत जरूरतमंद लोगों को घर बैठे ऑनलाईन आवेदन के जरीए ही जरूरी सेवाएं व लाभ मिल रहा है। उपायुक्त वीरवार को लघु सचिवालय स्थित सरल केन्द्र में मुख्यमंत्री अन्त्योदय परिवार उत्थान के लाभार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम चडंीगढ से राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वीडियो कॉन्फैंस के माध्यम से आयोजित हुआ, जिससे उपायुक्त ऑनलाईन जुडे हुए थे।
चंडीगढ में वीडियो कॉन्फेंस के माध्यम से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने करीब सात साल पहले अन्त्योदय उत्थान की कल्पना की थी, जो आज मूर्तरूप लेती हुई नजर आ रही है।⁹ उन्होंने कहा कि समाज के आखरी गरीब व्यक्ति का उत्थान एवं उसे मुख्य धारा में जोडने का सपना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पं० मदनमोहन मालवीय का भी था, जिसे साकार करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए प्रदेश भर में पिछले दिनों मुख्यमंत्री अन्त्योदय परिवार मेलों का आयोजन किया गया। उनमें हजारों लोगों के आवेदन प्राप्त हुए जिन्हे सरकार द्वारा लाभार्थियों को उनकी इच्छा अनुरूप विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक मदद दी जा रही है। इससे जहां आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के आय उपार्जन बढेगें, वहीं वे स्वरोजगार से भी जुड सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले 28 लाख बीपीएल परिवारों व साढे 1० लाख अन्य लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ मिलता था, अब परिवार पहचान पत्र बनने से इसमें तीन लाख लाभार्थियों को और लाभ मिलेगा।
अब पीपीपी के माध्यम से मिलेगा वृद्धावस्था पेंशन व राशन कार्ड का लाभ : मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब वृद्धावस्था पेंशन और राशन कार्ड का लाभ परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के माध्यम से ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन लाभ को पीपीपी से जोडऩे से न केवल पेंशन लाभार्थियों को घर बैठे ही लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी बल्कि अब उन्हें सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब यदि कोई व्यक्ति वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने के लिए निर्धारित आयु प्राप्त करता है, तो उसकी पेंशन स्वत: ही उसके बैंक खाते में आने लगेगी।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में उपायुक्त मनोज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री अन्त्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत पिछले दिनों लगाए गए मेलों में पिछडे वर्ग के लोगों के लिए सवधि ऋण योजना, कृषि क्षेत्र,हाईटेक डेयरी व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत जिला के 25 व्यक्तियों को 26 लाख 8० हजार रूपए की ऋण राशि सर्टिफिकेट तथा वृद्वावस्था सम्मान भत्ता के 1० लाभार्थियों को पेंशन सर्टीफिकेट व आयुष्मान भारत योजना के तहत 15 व्यक्तियों को प्रमाण पत्र दिये गए।
जिला के इन व्यक्तियों ने इन योजनाओं के लिए लिया लाभा: उपयायुक्त ने बताया कि सावधि ऋण योजना के तहत सौरभ पुत्र श्री कृष्ण पाल, साहब सिंह पुत्र श्री प्यारे राम, अन्जु पुत्री श्री सुशील, कमल पुत्र श्री भगवान दास, नरेश पुत्र श्री इन्द्र को 5०-5० हजार रूपए, इसी प्रकार कृषि क्षेत्र के लिए रविन्द्र पुत्र वजीर, मनोज पुत्र श्री बलमत, कमलेश पत्नी श्री सतपाल, सोनू पुत्र श्री रामफल, कुलदीप पुत्र श्री किताबा, सुमन पत्नी श्री राडू, सेवापती पत्नी श्री दलबीर, अजय पुत्र श्री ईश्वर तथा हाईटेक डेयरी के लिए अजय पुत्र श्री सूरजमल, अमन पुत्र श्री राजेश कुमार, बीरेन्द्र पुत्र तेलू राम, अनीता पत्नी रामफल, विक्रम पुत्र अन्तराम, पवनकुमार पुत्र श्री गुलाब सिंह, मनदीप पुत्र महाबीर, बलराज पुत्र धारा सिंह, उषा पत्नी जगबीर सिंह, सुदेश पत्नी सत्यवान को एक लाख 2० हजार रूपए का ऋण उपलब्ध करवाया गया, इसी प्रकार कपिल पुत्र खजान को एक लाख 4० हजार तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नीता पत्नी राजपाल को 5० हजार रूपए का ऋण उपलब्ध करवाया गया । इसी प्रकार आयुष्मान योजना के तहत लल्ण यादव,राजेश,हरि नंदन,रामबहादुर,विशाल,अमरजीत,संजीत शर्मा,सीमा,मनीष, यशपाल,सखविन्द्र,मंजू,अभिषेक,रोहित तथा सुनिल को योजना का लाभ प्रदान किया गया। वद्धावस्था पेश्ंान के कलवंत, सेरन्द्र कौर, जगदीश सिंह,खरो, ईश्वर, अमरनाथ, चिरंजी,रोहताष,बलवान तथा रामेहर को लाभ दिया गया। इस अवसर पर एडीसी साहिल गुप्ता, जींद के एसडीएम डॉ. वेदप्रकाश, नगराधीश अमित कुमार, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी साकेत शुभ, वरिष्ठ तकनीकी निदेशक एम जेड आर बदर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।