बंगाल सफारी पार्क त्रिपुरा से आए शेर का नाम अकबर और शेरनी का नाम सीता है, जिसके खिलाफ VHP ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। (फाइल फोटो)
असम से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी भेजे गए शेर-शेरनी के नाम अकबर-सीता रखे जाने के विवाद के बीच त्रिपुरा सरकार ने IFS अधिकारी प्रवीण एल अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया। वे त्रिपुरा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वाइल्डलाइफ और ईकोटूरिज्म) के पद पर तैनात थे। उन्हें 22 फरवरी को निलंबित किया गया है।
नाम विवाद मामले में अग्रवाल के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बंगाल इकाई ने केस दर्ज कराया है। प्रवीण एल अग्रवाल 1994 बैच के IFS अधिकारी हैं। एजेंसी के मुताबिक, त्रिपुरा के फोरेस्ट सेक्रेटरी अविनाश कानफाडे ने बताया कि त्रिपुरा सरकार ने IFS अधिकारी अग्रवाल से नाम विवाद मामले में स्पष्टीकरण मांगा था।
अग्रवाल ने शेर और शेरनी का नाम बताने से इनकार किया, लेकिन बाद में पता चला कि डिस्पैच रजिस्टर के अनुसार जानवरों का नाम पश्चिम बंगाल भेजे जाने से पहले रखा गया था। अग्रवाल जानवरों की ट्रांसफर प्रोसेस के त्रिपुरा के मुख्य वन्यजीव वार्डन थे, इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया।
त्रिपुरा के जूलॉजिकल पार्क से लाया गया था जोड़ा
इस शेर-शेरनी के जोड़े को त्रिपुरा के सेपाहिजला जूलॉजिकल पार्क से पश्चिम बंगाल भेजा गया। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है था कि उन्होंने शेरों का नाम नहीं बदला है। 13 फरवरी को यहां आने से पहले ही उनका नाम रखा जा चुका था।
VHP का कहना है कि शेरों का नाम राज्य के वन विभाग द्वारा रखा गया था और ‘अकबर’ के साथ ‘सीता’ रखना हिंदू धर्म का अपमान है। हम इनका नाम बदलने की मांग करते हैं। इस मामले में राज्य के वन अधिकारियों और सफारी पार्क डायरेक्टर को पक्षकार बनाया गया है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था- अकबर-सीता शेर-शेरनी का नाम तुरंत बदलें
23 फरवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शेरनी का नाम सीता और शेर का अकबर रखने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही बंगाल सरकार को विवाद से बचने के लिए दोनों का नाम बदलने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने सीता और अकबर नाम देने को लेकर बंगाल सरकार से जवाब भी मांगा था।
कोर्ट ने कहा था कि किसी भी जानवर का नाम किसी हिंदू भगवान, मुस्लिम पैगंबर, ईसाई, महान पुरस्कार विजेताओं, राष्ट्र नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर न रखें। इससे विवाद पैदा होता है।
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में शेर का नाम अकबर और शेरनी का नाम सीता रखा गया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बंगाल इकाई ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया। 16 फरवरी को इसके खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई। मामले की सुनवाई जस्टिस सौगत भट्टाचार्य की बेंच ने की। याचिकाकर्ता की मांग थी कि शेरों के जोड़े का नाम बदला जाए।
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शेर का नाम अकबर और शेरनी का सीता.. दोनों को त्रिपुरा के सेपाहिजला जूलॉजिकल पार्क से सिलीगुड़ी के एनिमल्स पार्क में शिफ्ट किया गया. इसके बाद अपने नाम की वजह से दोनों सुर्खियों में आ गए. जल्द ही मामले ने विवाद की शक्ल ले ली. मामला पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने राज्य सरकार से नाम बदलने को कहा. सवाल उठता है कि जानवरों के नाम रखने को लेकर क्या कोई नियम है.
कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता आशा ने एक महीने पहले तीन शावकों को जन्म दिया था। तीनों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। कूनो में अब 4 शावक समेत कुल 18 चीते हो गए हैं। नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता आशा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह नाम दिया था।