किसान व आढ़तियों पर पहले हड़ताल और फिर मौसम की मार

 

सफीदों अनाज मंडी में भीगा हजारों किवंटल धान

प्रशासन की तरफ से किए गए प्रबंध नाकाफी

किसानों व आढ़तियों ने सरकार से की हड़ताल खुलवाने की मांग

 

एस• के• मित्तल 

सफीदों, सफीदों मंडी में किसानों व आढ़तियों पर पहले हड़ताल और अब मौसम की मार पड़ रही है। इस दोहरी मार के कारण आढ़ती व किसान दोनों ही भारी परेशान हैं। गौरतलब है कि सरकार द्वारा एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के कारण धान के खरीददारों की पिछले 3 दिनों से हड़ताल चल रही है। इस हड़ताल के कारण धान की बिक्री नहीं हो रही है और मंडी में चारों ओर खुले मे हजारों किवंटल धान पड़ा हुआ है।

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रात को सफीदों इलाके में भारी तुफानी बारिश व ओलावृष्टि के कारण मंडी में पड़ी सारी धान की ढेरिया पानी से लबालब हो गईं है। किसानों ने उनकी फसल को बचाने के लिए प्रशासनिक प्रबंधों को नाकाफी बतलाया है। हड़ताल व मौसम के कारण मंडी में पड़ी फसल को आंखों के सामने खराब होते देख किसान भारी परेशान है। मंडी में फसल लेकर आए किसान रणबीर भुसलाना व अन्य किसानों का कहना है कि वह चार दिन पहले मंडी में धान बेचने के लिए लाया था। उससे अगले दिन सरकार की गलत नीतियों के कारण धान के खरीददारों ने हड़ताल कर दी।

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उसके बाद रात में हुई बारिश व ओलावृष्टि ने उनकी मुश्किलों को ओर अधिक बढ़ा दिया है। उनकी 6 महीने की मेहनत उनकी आंखों के सामने बर्बाद हो रही है। सरकार व प्रशासन का किसानों की फसल बचाने के लिए कोई व्यापक प्रबंध नहीं है। उनकी सारी की सारी फसल बारिश के पानी में भीग गई है और जल्द ही इसका निपटारा नहीं हुआ तो वह कुछ ही दिनों में खराब हो जाएगी। उनकी फसलों को कोई नहीं ले रहा है। हालात यहीं रहे तो उनको अपनी फसल वापिस ले जानी पड़ेगी। स्थिति यह पैदा हो गई है कि उनकी फसल खेतों व मंडी दोनों जगहों पर खराब हो रही है। किसानों को प्रशासन व मार्किट कमेटी का कोई सहयोग नहीं है। वहीं आढ़ती रोहताश शर्मा का कहना है कि सरकार सीजन के बीच में अपने निर्णयों को थोपती है। अगर सरकार को नियमों में कोई परिवर्तन करना है तो उसे सीजन से पहले ही कर लेना चाहिए ताकि उसी के अनुरूप खरीददार या एक्सपोर्टर तैयारियां कर सकें। सीजन के बीच में सरकार ने व्यवधान पैदा कर दिया है।

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उन्होंने सरकार से मांग की कि वह चावल एक्सपोर्टर से तत्काल बात करके उनकी समस्याओं का निराकरण करके हड़ताल को खुलवाया अन्यथा मंडियों में स्थिति विस्फोटक हो जाएगी। एक तरफ तो हड़ताल व दूसरी तरफ मौसम की मार से किसानों व आढ़तियों को भारी परेशान करके रख दिया है।

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क्या कहते हैं मार्किट कमेटी अधिकारी

मार्किट कमेटी के सुपरवाईजर सोमबीर का कहना है कि रात को मौसम को खराब होते ही धान की ढेरियों को तिरपाल से कवर करवा दिया गया था। बारिश के कारण मंडी के कुछ हिस्से में पानी इक_ा हो गया है जिसे जरनेटर पंप लगाकर निकाला जा रहा है।

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जो धान मंडी में भीग गया है उसे सुखवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक्सपोर्टरों की हड़ताल के चलते गांवों में किसानों के पास मैसेज भिजवा दिया गया है कि व एक-दो दिन रोककर ही मंडी में माल लाए। ताकि इतने में हड़ताल भी खत्म हो जाए और धान भी सूख जाए। उन्होंने बताया कि मंडी में लिफ्टिंग समुचित रूप से चल रही है।

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