एस• के• मित्तल
सफीदों, ऐतिहासिक महाभारतकालीन नगरी सफीदों में आज ज्योतिष्पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज पधारेंगे। उनके आगमन व सम्मान समारोह को लेकर आयोजक संस्था शंकराचार्य सम्मान समिति के पदाधिकारियों व गणमान्य लोगों ने शुक्रवार को कार्यक्रम स्थल रामलीला मैदान का दौरा किया और वहां की तैयारियों का जायजा लिया।
सफीदों, ऐतिहासिक महाभारतकालीन नगरी सफीदों में आज ज्योतिष्पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज पधारेंगे। उनके आगमन व सम्मान समारोह को लेकर आयोजक संस्था शंकराचार्य सम्मान समिति के पदाधिकारियों व गणमान्य लोगों ने शुक्रवार को कार्यक्रम स्थल रामलीला मैदान का दौरा किया और वहां की तैयारियों का जायजा लिया।
जहां पर कोई कमी लगी उसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। इस आयोजन के संयोजक रामगोपाल अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आज शनिवार को सफीदों में पहली बार शंकराचार्य जी का पुनित आगमन होगा। अग्रवाल ने बताया कि शनिवार सायं 2 बजे नगर के जींद रोड स्थित मां भागो देवी अस्पताल के बाहर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का सफीदों नगर आगमन पर श्रद्धालुओं के द्वारा स्वागत व अभिनंदन किया जाएगा। इसके बाद शोभायात्रा के रूप में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को पूरे सम्मान के साथ सीधे धर्मसभा स्थल रामलीला मैदान में ले जाया जाएगा और वहां पर धर्मसभा का कार्यक्रम होगा।
उन्होंने बताया कि उनके निवास पर अगले दिन 5 नवंबर को प्रात: 6 से 8 बजे तक शंकराचार्य महाराज इच्छुक श्रद्धालुओं को गुरू दीक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि सफीदों में होने वाले इस जिला स्तरीय कार्यक्रम में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज विभिन्न कारणों से अपने धर्म से विमुख हो चुके लोगों को अपने सनातन धर्म में वापसी भी करवाएंगे। इसके अलावा वे श्रद्धालुओं के प्रश्नों व जिज्ञासाओं का शास्त्रोक्त जवाब देकर सनातन धर्म की अन्य जानकारियां भी प्रदान करेंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज पहली बार सफीदों में पधार रहे हैं। हम सबके लिए हमारे जीवन का यह सुनहरी अवसर है। हम सबको शंकराचार्य महाराज का साक्षात दर्शन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और पुण्य का भागी बनना चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन के लिए विशेष तैयारियों की गई है और नगर की विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की अलग-अलग से ड्यूटियां निर्धारित की गई है। इसके अलावा पूरी सफीदों नगरी को दुल्हन की तरह से सजाया गया है। नगर के मुख्य चौंक-चौराहों पर तौरण द्वार लगाए गए है।