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एस• के• मित्तल
सफीदों, नवीन जयहिन्द सोमवार को नगर की ब्राह्मण धर्मशाला पहुंचे और लोगों को 23 अप्रैल को रोहतक के पहरावर गांव में होने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव का पीले चावलों के साथ न्यौता दिया। जयहिन्द ने बताया कि 104 वर्षीय दादा दुलीचंद कार्यक्रम के मुख्यातिथि रहेंगे क्योंकि दादा दुलीचंद की वजह से ही दो लाख विकलंगो, बुजुर्गो व विधवा महिलाओं की पेंशन बनी थी।
सफीदों, नवीन जयहिन्द सोमवार को नगर की ब्राह्मण धर्मशाला पहुंचे और लोगों को 23 अप्रैल को रोहतक के पहरावर गांव में होने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव का पीले चावलों के साथ न्यौता दिया। जयहिन्द ने बताया कि 104 वर्षीय दादा दुलीचंद कार्यक्रम के मुख्यातिथि रहेंगे क्योंकि दादा दुलीचंद की वजह से ही दो लाख विकलंगो, बुजुर्गो व विधवा महिलाओं की पेंशन बनी थी।
जयहिन्द ने कहा कि यह आयोजन 36 बिरादरी का है। हमने दो महीने पहले ही कह था कि हम 23 अप्रैल को राज्यस्तरीय परशुराम जन्मोत्सव मनाएंगे लेकिन कुछ समाज के विभीषण जिस तरह सरकार के साथ मिलकर हर जगह 23 अप्रैल को परशुराम जयंती मना रहे है। 23 अप्रैल के सिवाय किसी भी दिन परशुराम जयंती मनाए सभी का स्वागत है। उन्होंने बताया कि परशुराम जयंती के अवसर पर 22 अप्रैल को पहरावर की जमीन पर ही दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से हवन का आयोजन किया जाएगा।
इस आयोजन में पीले चावल देकर आम आदमी से लेकर पंच, सरपंच, पार्षद, विधायक, सांसद, मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री व सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को निमंत्रण दिया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि भगवान् परशुराम के मंदिर व मूर्ति निर्माण के यज्ञ में अपनी आहुति जरूर डाले। जयहिंद ने बताया कि यह आयोजन पहरावर की उसी जमीन पर होगा जिसको फरसाधारियो ने सर्वसमाज के साथ मिलकर फरसे के दम पर सरकार के कब्जे से छुड़वाया था। जयहिंद ने आगे कहा की जन्मोत्सव में शामिल होने वाले सभी लोग फरसा लेकर पहुंचे क्यूंकि भगवान परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर इस बार चढ़ावा और प्रसाद भी खास होगा।
इस बार भगवान को फरसे प्रसाद स्वरूप चढ़ाये जायेंगे और साथ ही फरसे और देसी घी का प्रसाद ही बांटा जाएगा। उन्होंने यह भी अपील की कि आयोजन में शामिल होने वाले सभी लोग एक ईंट व एक नोट लेकर पहुंचे जो मंदिर व मूर्ति बनवाने में इस्तेमाल किए जाएंगे।
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