भारत के जाने माने उद्योगपति गौतम अडाणी विवाद में हरियाणा के एक वरिष्ठ IAS अशोक खेमका की एंट्री हो गई है। खेमका ने इस विवाद पर लेट लाइट ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट बताती है कि कुछ ऑडिटर, रेगुलेटर, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी अपना काम ठीक से नहीं कर रही हैं। यही कारण है कि अभी तक इस पूरे मामले में जो भी नुकसान हुआ है वह देश की जनता का ही हुआ है।
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क्या है पूरा विवाद
मशहूर भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी को अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट से बहुत अधिक नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के आने के बाद से ही अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट का सिलसिला जारी है। अडाणी ग्रुप को मजबूरी में अपना 20 हजार करोड़ का फुल सब्सक्राइब फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) भी वापस लेना पड़ा है।

विजिलेंस विभाग मांग चुके खेमका
हरियाणा के चर्चित IAS अशोक खेमका हरियाणा सतर्कता विभाग (विजिलेंस) में नियुक्ति की मांग कर चुके हैं। इसके लिए वह 23 जनवरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चिट्ठी लिखकर अपनी यह इच्छा बता चुके हैं। चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि वह अपने इस कार्यकाल में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर देंगे। साथ ही लिखा कि काम का एकतरफा बंटवारा जनहित में नहीं होता।
31 साल में 56 बार हो चुका ट्रांसफर
हरियाणा के IAS अशोक खेमका अपने तबादलों को लेकर खासे चर्चा में रहते हैं। हाल ही में हरियाणा सरकार ने 9 जनवरी को उनका तबादला कर अभिलेखागार का मुखिया नियुक्त किया है। इससे पहले वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे। 31 साल की नौकरी में उनका 56 बार ट्रांसफर हो चुका है।

ट्रांसफर पर उठा चुके हैं सवाल
ट्रांसफर के बाद IAS अशोक खेमका ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ‘एक बार फिर अभिलेखागार विभाग मिला है। एक सरकारी अधिकारी को एक सप्ताह में कम से कम 40 घंटे का काम सौंपा जाता है, लेकिन अब ईमानदार और अपने काम के प्रति अडिग लोगों से निपटने की एक नई ट्रिक सोची गई है, जिसमें सिविल सेवा बोर्ड के नियमों को नजरअंदाज करते हुए कम से कम काम सौंपा जाए। उन्होंने लिखा है कि स्वाभिमान को नष्ट करो और अपमान का ढेर लगाओ। यह किसके हित में है?’