सफीदों पालिका के विकास कार्यों में हुए कथित 35 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला शिकायतकर्त्ता रामदास प्रजापत ने 17 एक्सईएन की जांच पर उठाए सवाल

सीएम मनोहर लाल, शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता व चीफ इंजीनियर अशोक राठी को लिखा पत्र

एस• के• मित्तल   
सफीदों,    पिछले प्लान में सफीदों पालिका के विकास कार्यों में हुए कथित 35 करोड़ रुपए के घोटाले का मामले में प्रदेश के 17 एक्सईएन द्वारा की गई जांच पर शिकायतकर्त्ता रामदास प्रजापत ने सवाल उठाएं हैं और निष्पक्ष जांच को लेकर एक पत्र सीएम मनोहर लाल, शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता व चीफ इंजीनियर अशोक राठी को लिखा है।
पत्र में शिकायतकर्त्ता रामदास प्रजापत ने लिखा कि सफीदों पालिका के 35 करोड़ गबन की जांच हेतु लगाए गए 17 एक्सईएन द्वारा जो जांच की गई है वह मात्र औपचारिकता भर है। इन अधिकारियों के द्वारा सही तरीके से नहीं की गई और कुछ जगहों पर गए जरूर लेकिन दिखाने भर के लिए। इन अधिकारियों ने अधिकतर जांच नगरपालिका सफीदों के कार्यालय में बैठकर निपटा दी गई और साईट पर जाकर सही से जांच नहीं की गई है। रामदास प्रजापत ने कहा कि हरियाणा सरकार के द्वारा सफीदों नगरपालिका की 35 करोड़ के गबन की जांच हेतु 17 एक्सईएन जरूर लगाए गए और वे यहां पर पहुंचे भी लेकिन उन्होंने अपना कार्य सही नहीं किया। जांच के दौरान उनके साथ पालिका के ठेकेदार बैठे व घूमते हुए दिखाई पड़े।
इन अधिकारियों ने पालिका के कार्यालय में बैठकर व ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके जांच को निपटा दिया। इसके अलावा इन 17 एक्सईएन जांच के दौरान शिकायतकर्ता को साथ नहीं लिया गया। उन्होंने पत्र में निकाय विभाग के चीफ इंजीनियर अशोक राठी से आग्रह किया कि वे स्वयं आकर यहां पर जांच करें तो पता चल जाएगा कि किस तरह से इन 17 अधिकारियों ने जांच के नाम पर केवल लीपापोती की है। उन्होंने सरकार से मांग की कि नगर पालिका सफीदों के अधिकारियों ने 35 करोड रुपए में जो गबन घोटाला किया है वे तो दोषी है ही, उसके साथ-साथ जिन 17 एक्सईएन ने जांच करके झूठी रिपोर्ट पेश की है उनके खिलाफ भी विभागीय व कानूनी कार्रवाई की जाए। बता दें कि इस कथित गबन के संबंध में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर पंचकुला ने 20 अक्तूबर को पत्र लिखकर आदेश जारी किए थे कि सभी 17 एक्सईएन सफीदों पालिका के अधीन जनवरी 2016 से जून 2021 तक हुए करीब 260 विकास कार्यों की जांच करेंगे।
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इन एक्सईएन को सौंपी गई थी जांच
आदेशों के मुताबिक नगर परिषद झज्जर के एक्सईन मनजीत दहिया, म्युनिसिपल कारपोरेशन रोहतक के एक्सईएन मनदीप धनखड़, म्युनिसिपल कारपोरेशन यमुनानगर के एक्सईएन विकास धीमान, म्युनिसिपल कारपोरेशन हिसार के एक्सईएन संदीप धूंधवाल, नगर परिषद गोहाना के एक्सईएन नवीन कुमार, नगर परिषद फरीदाबाद के एक्सईएन अमित कौशिक, नगर परिषद नूंह के एक्सईएन सुमित नांदल, नगर परिषद हांसी के एक्सईएन जयवीर, नगर परिषद थानेसर के एक्सईएन सुरेंद्र सिंह, नगर परिषद टोहाना के एक्सईएन अंकित वशिष्ठ, नगर परिषद नारनौल के एक्सईएन सुंदर श्योराण, नगर परिषद पंचकुला के एक्सईएन अजय पंघाल,  म्युनिसिपल कारपोरेशन सोनीपत के एक्सईएन निजेश कुमार, नगर परिषद चरखीदादरी के एक्सईएन प्रवीन कुमार, म्युनिसिपल कारपोरेशन करनाल की एक्सईएन मोनिका, नगर परिषद भिवानी के एक्सईएन जसवंत सिंह व म्युनिसिपल कारपारेशन पानीपत के एक्सईएन प्रदीप कल्याण अपने-अपने शैड्यूल के मुताबिक सारे मामले की जांच सौंपी गई थी।

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घोटाले की जांच के लिए समाजसेवी रामदास प्रजापत ने ही किया था आमरण अनशन
पिछले प्लान के दौरान सफीदों पालिका में 35 करोड़ रुपए के विकास कार्यों में घोटाले की जांच व आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर भाजपा नेता व समाजसेवी रामदास प्रजापत ने नगर के अग्रसैन चौंक पर आमरण किया था। रामदास प्रजापत का कहना था कि हरियाणा सरकार ने सफीदों को चार चांद लगाने के लिए 35 करोड़ रूपए की बड़ी विकास राशी सफीदों पालिका में भेजी थी, लेकिन उसमें पालिका अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकदारों ने मिलीभगत करके भारी गोलमाल किया। सफीदों में जितने भी गलियों, नाले-नालियों के कार्य हुए उमें भारी धांधली हुई और सरकारी रकम की बंदरबांट हुई। शिकायतकर्ता ने सरकार से मांग की कि खानसर चौंक पर गिरे स्वागत द्वार, रामसर पार्क के मिट्टी घोटाले, रामसर पार्क के उजाडऩे, पुरानी अनाज मंडी की सौ फीसदी सहीं सड़कों को उखाड़कर दोबारा बनाने, पुरानी अनाज मंडी में बने दो स्वागत द्वारों की बनावट, भूमिगत नाले-नालियों, सरला कन्या महाविद्यालय के सामने सड़क से 3 फुट ऊंचाई पर बने नाले की तत्काल जांच होनी चाहिए।

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