सफीदों (एस• के• मित्तल) : शिक्षा व्यवस्था में वैदिक शिक्षा शामिल करना नितांत आवश्यक है। यह बात विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में आ रही बुराइयों का एक कारण आज की युवा पीढ़ी को धर्म का ज्ञान नहीं होना है। हमारा दर्शन सर्वांगीण दर्शन है। हमारे तीर्थ स्थलों को आज पर्यटन स्थल बनाया जा रहा। यदि लोगों में शास्त्रोक्त भाव पैदा हो जाएं तो ऐसा होगा ही नहीं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज में बढ़ रही अनैतिकता और संस्कार हीनता आज बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। हालांकि ऐसा भी देखा गया है कि जागृति के कारण तीर्थ स्थलों में पहुंचने वालों सहित धर्म अनुष्ठान करने वालों की संख्या बढ़ी है। यदि साधना में गुणकत्ता नहीं है तो सारे कार्यकलाप औपचारिक ही कहे जाएंगे। यह गुणवत्ता शास्त्रीय पद्धति से आराधना करने और धर्म क्षेत्र में आगे बढ़ने से आएगी। पूजन व आराधना शास्त्र विधान से हो, इसमें मनमाना आचरण नहीं होना चाहिए। मनमाने आचरण के दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। आज भी विविध समुदायों के मध्य भावनात्मक तनाव होता रहता है। इस तनाव से उत्पन्न परिणाम देश की एकता, अखंडता एवं राष्ट्र की प्रगति में बाधक बनते हैं।
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