जिले में 558 मेडिकल स्टोर, 520 पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे
सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को नशे से दूर रहने की सलाह
मानविकी विषय के छात्रों के लिए जागरूकता सत्र अनिवार्य
जींद : जिले को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में नारकोटिक्स कोऑर्डिनेशन (नकॉर्ड) की विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एसडीएम सफीदों पुलकित मल्होत्रा, डीईओ सुमित्रा देवी, स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डॉ. रमेश पांचाल, डॉ. संकल्प सहित जिले के कॉलेजों और स्कूलों के प्रधानाचार्य, ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य युवाओं और आमजन को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और नशामुक्ति अभियान को अधिक प्रभावी बनाना था। इसमें नशे के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की गई।
ड्रग कंट्रोल विभाग के अनुसार, जिले में कुल 558 मेडिकल स्टोर हैं, जिनमें से 520 पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं और बाकी पर कार्य जारी है। मेडिकल स्टोर्स की सख्त निगरानी की जा रही है ताकि नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर रोक लगाई जा सके।
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति नशीले पदार्थ बेच रहा है या सेवन कर रहा है, तो उसकी सूचना हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के टोल-फ्री नंबर 9050891508 पर दी जा सकती है। साथ ही, जो लोग नशे की लत छोड़ना चाहते हैं, वे भी इसी नंबर पर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाए। सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी जाए। छात्रों को टोल-फ्री नंबर की जानकारी दी जाए ताकि यदि उनका कोई साथी नशे की चपेट में है, तो वे उसकी जानकारी देकर उसकी मदद कर सकें।
अतिरिक्त उपायुक्त विवेक आर्य ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में हर नागरिक का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने सभी नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मेडिकल स्टोर्स पर डॉक्टरों द्वारा निर्देशित दवाओं का विवरण नियमित रूप से रजिस्टर में दर्ज किया जाए। अतिरिक्त उपायुक्त ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि मानविकी विषय के छात्रों के लिए हर महीने एक जागरूकता सत्र अनिवार्य रूप से आयोजित किया जाए। साथ ही, जो छात्र पहले से ही नशे की लत में हैं, उनकी पहचान कर काउंसलिंग की जाए और उन्हें नशामुक्ति केंद्रों में भेजकर उचित इलाज कराया जाए। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे से बचाना और समाज को एक स्वस्थ दिशा में आगे बढ़ाना है। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं और गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
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