कार्यक्रम में 50 गण्यमान्य लोगों को बूरा सिरोही रत्न पुरस्कार से नवाजा गया
खाप ने मृत्यु भोज, दहेज प्रथा के साथ-साथ शादी में डीजे पर प्रतिबंध की उठाई मांग
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सफीदों (एस• के• मित्तल) : उपमंडल के गांव हाट में बूरा-सिरोही खाप द्वारा रविवार को राष्ट्रीय स्तरीय 12वां स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह धूमधाम से मनाया गया। समारोह में देश के अनेकों राज्यों के बूरा व सिरोही खाप के परिवारों व मौजिज लोगों ने शिरकत की। इस आयोजन में मंच के माध्यम से खाप के मौजिज लोगों ने समाज में फैली कुरीतियों पर रोक लगाने, संस्कृति, संस्कार, धर्म और समाज की सुरक्षा करने, समाज की एकता व भाईचारे को मजबूत करने पर खुलकर अपने-अपने विचार रखे। खाप के राष्ट्रीय प्रधान रणवीर सिंह बूरा किरमच ने कहा कि बूरा सिरोही खाप ने मृत्यु भोज, दहेज प्रथा, शादी समारोह में घर की बजाय अन्य स्थानों पर डीजे पर रोक लगाने का बीड़ा उठाए हुए है। उन्होंने कहा कि बूरा सिरोही खाप पिछले 12 वर्षों से सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत है। बूरा-सिरोही खाप के देशभर में करीब 82 गांव है। इस प्रकार के आयोजन हर वर्ष अलग-अलग गांवो में किया जाता है। उन्होंने कहा कि शादी समारोह में जब डीजे बजता है तब युवाओं पर उसका गलत असर पड़ता है और जिसके कारण कई बार बड़े विवाद हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जो आज कल एक ही गांव व एक ही गौत्र में युवक-युवतियां शादी कर लेते हैं, जोकि गलत है। बूरा-सिरोही इसका पुरजोर विरोध करती है। सरकार ने जो हिंदू मैरिज एक्ट बनाया गया है, वह भी गलत है। खाप सरकार से हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करने की मांग करती है। कार्यक्रम में 50 गण्यमान्य लोगों को बूरा सिरोही रत्न पुरस्कार से नवाजा गया। सम्मानित होने वालों में बूरा-सिरोही गोत्र के आईएएस, आईपीएस, एचसीएस अधिकारी, अंतरर्राष्टीय स्तर के खिलाड़ी, बिना दहेज शादी करने वाले लोगों के साथ-साथ समारोह का आयोजन करने वाले लोग शामिल रहे।
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