पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह सेक्सुअल हैरेसमेंट केस: महिला कोच की स्टेडियम में एंट्री बैन; 4 महीने से नहीं कर पा रही प्रैक्टिस

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हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह सेक्सुअल हैरेसमेंट केस में एक नया खुलासा हुआ है। मंत्री संदीप सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच की पंचकूला स्टेडियम में एंट्री बैन कर दी गई है। इस कारण से वह 4 महीने से प्रैक्टिस नहीं कर पा रही है। कोच ने आरोप लगाए हैं कि प्रैक्टिस नहीं हो पाने के कारण वह अब तक 3 नेशनल कंपटीशन में शामिल नहीं हो पाई।

पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह सेक्सुअल हैरेसमेंट केस: महिला कोच की स्टेडियम में एंट्री बैन; 4 महीने से नहीं कर पा रही प्रैक्टिस

कोच का कहना है कि सितंबर में आने वाले ओपन नेशनल कंपटीशन में भी प्रैक्टिस नहीं हो पाने के कारण प्रतिभाग नहीं कर पाएगी।

16 अप्रैल से बैन हुई एंट्री

जूनियर महिला कोच की एंट्री पंचकूला स्टेडियम में 16 अप्रैल से बैन कर दी गई थी। खेल विभाग के सूत्रों के अनुसार 12 अप्रैल को IPS अधिकारी पंकज नैन का सरकार ने खेल विभाग के डायरेक्टर पद से ट्रांसफर कर दिया था, इसके बाद से आए नए अधिकारियों ने कोच की प्रैक्टिस और जिम में एंट्री बैन कर दी है। इस कारण से वह प्रैक्टिस नहीं कर पा रही है।

अधिकारी बैन का ये बता रहे कारण

जूनियर महिला कोच की एंट्री बैन करने के पीछे का कारण खेल विभाग के अधिकारी कुछ और ही बता रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि चूंकि महिला कोच ने जान का खतरा बताया है, इस कारण से स्टेडियम में प्रैक्टिस के कारण दूसरे खिलाड़ियों को भी खतरा हो सकता है। जबकि कोच के परिजनों का कहना है कि जब से विभाग में नए अधिकारी आए हैं तब से उन्होंने जानबूझकर प्रैक्टिस बैन कर दी है।

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7 महीने बाद भी दाखिल नहीं हुई चार्जशीट

26 दिसंबर को जूनियर महिला कोच ने खेल मंत्री संदीप सिंह पर छेड़खानी का खुलासा किया था, इसके तीन दिन बाद 29 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच ने चंडीगढ़ पुलिस को इस मामले की शिकायत दी। 31 दिसंबर को मंत्री के खिलाफ धारा 354, 354ए, 354 बी, 342 और 506 के तहत केस दर्ज कर लिया, लेकिन केस दर्ज होने के 7 महीने बाद भी चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में चार्जशीट दायर नहीं कर पाई है, जबकि इसके लिए तीन महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है।

हाईकोर्ट लगा चुका पुलिस को फटकार

वहीं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान ले चुका है। हाईकोर्ट सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ पुलिस को फटकार लगाते हुए इस मामले में हो रही देरी पर जवाब मांग चुका है। सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ पुलिस के IGP राजकुमार ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया है कि पुलिस इस मामले की जांच सही दिशा में कर रही है, जल्द ही इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाएगी।

 

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