जींद : जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष यशवीर सिंह राठौर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार में जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस अदालत का संचालन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मोनिका द्वारा किया गया।
लोक अदालत में कुल 7 विचाराधीन मामलों की सुनवाई की गई, जिनमें से 06 मामलों में अंडरगॉन का निर्णय लिया गया। यदि इन विचाराधीन बंदियों पर कोई अन्य मामला लंबित नहीं है, तो सात कैदियों को रिहा करने का आदेश पारित किया गया।
कैदियों को त्वरित न्याय दिलाने की पहल
प्राधिकरण सचिव ने बताया कि जेल लोक अदालत महीने में दो बार आयोजित की जाती है ताकि अधिक से अधिक विचाराधीन कैदियों को त्वरित न्याय मिल सके। अदालत के आयोजन के बाद उन्होंने जिला जेल का निरीक्षण भी किया और कैदियों से उनके मुकदमों से जुड़ी समस्याएं सुनीं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मामलों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।
कैदियों को जानकारी दी गई कि यदि किसी को अपने केस की पैरवी के लिए वकील की आवश्यकता हो, तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधीन निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। इसके लिए उन्हें लिखित आवेदन जेल प्रशासन या न्याय रक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में भेजना होगा। इसके अलावा, नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 पर संपर्क कर कानूनी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
आगामी नैशनल लोक अदालत का आयोजन
प्राधिकरण सचिव ने बताया कि आगामी 08 मार्च को नैशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह लोक अदालत जिला न्यायालय जींद, उपमंडल न्यायालय नरवाना और सफीदों में भी आयोजित होगी। साथ ही, हर कार्यदिवस पर प्रत्येक न्यायालय में विशेष लोक अदालत लगाई जा रही है, जिससे अधिक से अधिक मामलों का त्वरित समाधान हो सके।
जेल में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन
जिला कारागार में तीन नए कानूनों पर विशेष कानूनी जागरूकता शिविर भी आयोजित किया गया। इस मौके पर प्राधिकरण सचिव एवं पैनल अधिवक्ता देवराज मलिक ने नए कानूनों की विस्तृत जानकारी दी और कैदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों एवं कानूनी सहायता के विकल्पों के बारे में जागरूक किया।
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