कनुप्रिया नाट्क में राधा-कृष्ण की प्रेमपूर्ण स्मृतियों व विरह को दर्शाया नित्य गीता पाठ करके मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता हैं: स्वामी ज्ञानानंद

एस• के• मित्तल   
सफीदों,  रास कला मंच द्वारा पांचवें तीन दिवसीय सर्पदमन नाट्क उत्सव व रास रत्न सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पर महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने कर कमलों से किया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट विजयपाल सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर सफीदों में अलग-अलग गतिविधियों में नाम कमाने वाले गण्यमान्य महानुभावों को सम्मानित किया।
नाट्क मंचन में संगीत नाट्क अकादमी नई दिल्ली के कलाकारों अपनी नाट्क प्रस्तुति पेश की गई। जिसमें पहले दिन इंद्रराज (इंदू) और कनुप्रिया नामक नाटकों का मंचन किया गया। कनुप्रिया नाट्क में राधा-कृष्ण की प्रेमपूर्ण स्मृतियों व विरह से भरे प्रश्नों का विवरण दर्शाया गया। इस भावनात्मक व हृदयस्पर्शी रचना की प्रस्तुतियां प्रस्तुति के द्वारा युवाओं को प्रेम के नकारात्मक विचारों से दूर रहने व एक भावनात्मक सकारात्मक पक्ष को दिखाने का प्रयास किया गया। अपने संबोधन में स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करने से जीवन के कष्टों को दूर कर प्रभु श्री कृष्ण की कृपा पा सकते हैं। इस मंत्र का जाप करने से आपका मन पूरी तरह से शांत हो सकता है और आप प्रेम और भक्ति की भावना से भर जाएंगे।
वहीं, इस मंत्र का जाप करने से घर की सुख समृद्धि भी बनी रहती है। उन्होंने कहा कि नित्य गीता पाठ करके मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता हैं। गीता जी के 12वें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण कहते है कि मुझे वो भक्त प्रिय है जो किसी से भी ईर्ष्या न रखें, सबसे प्रेम करें, सबको एक समान समझें वह मुझे सबसे प्यारा है। आओ हम सब भी खुले मन से जियें, सबके साथ प्रेम करें, किसी से ईर्ष्या न करें, तभी हम भगवान के समीप जा सकते हैं। इस मौके पर पदमश्री महावीर गुड्डू, समाजसेवी एवं शिक्षाविद् नरेश सिंह बराड़, विहिप जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, डा. रूचि भारद्वाज, कविता शर्मा मौजूद थे।

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