सिद्धा सिद्धि मम दिसंतु मंगलकारी मंत्र का हुआ जाप
उत्तर भारत के कई राज्यों के हजारों लोगों ने लिया भाग
शिक्षाप्रद सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने श्रद्धालुओं का मन मोहा
एस• के • मित्तल
सफीदों, एसएस जैन सभा सफीदों के तत्वावधान में रविवार को नगर की पुरानी अनाज मंडी में संपूर्ण समाज की सुख-शांति के लिए मंगलकारी मंत्र सिद्धा सिद्धि मम दिसंतु का जाप व परिवार मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में विभिन्न राज्यों से आए हुए हजारों श्रद्धालुओं को गुरूणी लीलावती महाराज, शालिनी महाराज व स्मृति महाराज ठाणे-3 का सानिध्य व आशीर्वाद प्राप्त हुआ। समारोह की अध्यक्षता एसएस जैन सभा सफीदों के प्रधान एडवोकेट एमपी जैन ने की।
सफीदों, एसएस जैन सभा सफीदों के तत्वावधान में रविवार को नगर की पुरानी अनाज मंडी में संपूर्ण समाज की सुख-शांति के लिए मंगलकारी मंत्र सिद्धा सिद्धि मम दिसंतु का जाप व परिवार मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में विभिन्न राज्यों से आए हुए हजारों श्रद्धालुओं को गुरूणी लीलावती महाराज, शालिनी महाराज व स्मृति महाराज ठाणे-3 का सानिध्य व आशीर्वाद प्राप्त हुआ। समारोह की अध्यक्षता एसएस जैन सभा सफीदों के प्रधान एडवोकेट एमपी जैन ने की।
समारोह में बतौर अतिथि सफीदों हलका के विधायक सुभाष गांगोली ने शिरकत की। प्रधान एडवोकेट एमपी जैन ने विभिन्न राज्यों से जैन श्री संघों के प्रतिनिधियों व अतिथियों का अभिनंदन किया। समारोह का संचालन रमेश जैन मूनक ने किया। कार्यक्रम में वूमेन इरा फाऊंडेशन व किड्स वैली स्कूल के बच्चों ने शिक्षाप्रद नाटकों का मंचन करके एवं भावपूर्ण प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। बेटी बचाओं पर आधारित प्रस्तुत नाटक ने श्रद्धालुओं की जमकर तालियां बटौरी। एक नाटक के माध्यम से गुरूणी लीलावती महाराज के जीवन चरित्र का विस्तार से वर्णन किया गया।
गुरूणी लीलावती महाराज, शालिनी महाराज व स्मृति महाराज ने सिद्धा सिद्धि मम दिसंतु मंगलकारी मंत्र जाप करके व मंगलपाठ सुनाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को निहाल किया। वहीं समारोह में विभिन्न राज्यों से आए परिवारों का आपस में मिलन हुआ। अपने संबोधन में विधायक सुभाष गांगोली ने कहा कि जैन धर्म की शिक्षाएं संपूर्ण समाज व मानवता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भगवान महावीर की वाणी मनुष्य व समाज को जिओ और जीने की प्रेरणा तथा अहिंसा के मार्ग पर चलने संदेश देती है। जैन धर्म के सिद्धांत, त्याग व तपस्या अनुकरणीय है। हर मनुष्य को जैन धर्म के संतों व उनके विचारों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।